दिल्ली में जंतर-मंतर पर कर्नाटक कांग्रेस सरकार केंद्र सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। इस प्रदर्शन में कर्नाटक के सीएम सिद्धारमैया और डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार शामिल हुए। कांग्रेस का दावा है कि केंद्र सरकार की नाइंसाफी के कारण साल 2017-18 के बाद से अब तक कर्नाटक सरकार को 1.87 लाख करोड़ रुपये के राजस्व का नुकसान हुआ है।
विरोध प्रदर्शन पर कर्नाटक के सीएम सिद्धारमैया ने कहा, “हमें उम्मीद है कि सरकार हमारा विरोध सुनेगी और हमारा मुख्य उद्देश्य राज्य और कन्नड़ लोगों के हितों की रक्षा करना है।” वहीं, कांग्रेस नेता प्रियांक खरगे ने कहा, “हमारे 4-5 मांगें हैं उसके खिलाफ ये प्रदर्शन है। केंद्र सरकार से हमारा निवेदन है कि हम जितना टैक्स देते हैं उतना हमें वापस दें तो हम भी देश के लिए ज्यादा योगदान दे सकते हैं।”
टैक्स वसूली से कम पैसा मिल रहाः रामलिंगा रेड्डी
इस विरोध प्रदर्शन पर कर्नाटक के मंत्री रामलिंगा रेड्डी ने कहा, “केंद्र सरकार हमारे राज्य से लगभग 4,50,000 रुपए टैक्स वसूलेगी, लेकिन हमें सिर्फ 50,000 रुपये ही मिल रहे हैं। इस वर्ष 236 तालुकों में से 220 तालुक सूखे से प्रभावित घोषित किए गए हैं। अभी तक कर्नाटक के लिए एक रुपया भी जारी नहीं किया गया है।”
गुजरात पर लागू योजनाएं हमें भी चाहिएः शिवकुमार
विरोध प्रदर्शन पर कर्नाटक के डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार ने कहा, “हम अपना अधिकार मांग रहे हैं, हमें जो भी प्रतिशत मिलना चाहिए उसका 13% हमें मिल रहा है। अगर अन्य राज्यों को लाभ मिलता है तो मुझे कोई आपत्ति नहीं है। जो नीतियां, योजनाएं उन्होंने (केंद्र) गुजरात को दी हैं, वही उन्हें हमें भी देनी चाहिए।”
सूखे के 4 महीने बाद भी पैसा नहीं मिलाः सलीम अहमद
कांग्रेस नेता सलीम अहमद ने कहा, “हमारे यहां सूखे की स्थिति है और 17,000 करोड़ की मांग भी की थी लेकिन 4 महीने हो चुके हैं केंद्र सरकार ने एक पैसा जारी नहीं किया। इसलिए हमारा आज यहां जंतर-मंतर पर धरना रखा गया है क्योंकि पिछले 4 साल कर्नाटक को जो पैसा मिलना था वो दे नहीं रहे हैं।”