नई दिल्ली। पतंजलि आयुर्वेद के खिलाफ भ्रामक विज्ञापन मामले की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने बाबा रामदेव से आज पूछा कि क्या उसने आज अखबारों में जो माफी मांगी है, उसका आकार उसके उत्पादों के पूरे पेज के विज्ञापनों के समान है? पतंजलि के संस्थापकों रामदेव और बालकृष्ण की ओर से पेश वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने कहा कि उन्होंने अदालत के समक्ष नए सिरे से माफीनामा दाखिल किया है।
पीठ ने पूछा कि माफीनामा कल क्यों दाखिल किया गया और यह पहले ही किया जाना चाहिए था। रोहतगी ने कहा कि माफी 10 लाख रुपये की कीमत पर 67 अखबारों में प्रकाशित की गई थी। तब जस्टिस हिमा कोहली ने पूछा, “क्या माफी को प्रमुखता से प्रकाशित किया गया है? आपके पहले के विज्ञापनों के समान फॉन्ट और आकार है?” जब रोहतगी ने कहा कि कंपनी ने लाखों खर्च किए हैं, तो अदालत ने जवाब दिया, “हमें कोई चिंता नहीं है।”
रामदेव अखबारों में छपवाएंगे बड़ा माफीनामा
अदालत ने कहा कि उसे पतंजलि के खिलाफ मामले के लिए इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) के खिलाफ 1000 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाने की मांग करने वाला एक आवेदन प्राप्त हुआ है। पीठ ने कहा, “क्या यह एक प्रॉक्सी याचिका है? हमें संदेह है।” इस पर रोहतगी ने जोर देकर कहा कि उनके मुवक्किलों का इससे कोई लेना-देना नहीं है। रामदेव के यह कहने के बाद कि वह अखबारों में बड़ा माफीनामा प्रकाशित करेंगे, सुप्रीम कोर्ट ने मामले को एक सप्ताह के लिए स्थगित कर दिया।
अपने खिलाफ भ्रामक विज्ञापन मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई से कुछ घंटे पहले पतंजलि आयुर्वेद ने राष्ट्रीय दैनिक समाचार पत्रों में माफी मांगी, जिसमें इस बात पर जोर दिया गया कि उनके मन में अदालत के प्रति अत्यंत सम्मान है और उनकी गलतियों को दोहराया नहीं जाएगा।
रामदेव ने मधुमेह जैसी बीमारियों के लिए किया था भ्रामक दावा
बता दें, पतंजलि के संस्थापकों योग गुरु रामदेव और उनके सहयोगी बालकृष्ण को मधुमेह और उच्च रक्तचाप जैसी बीमारियों के इलाज के लिए कंपनी के भ्रामक दावों पर सुप्रीम कोर्ट की पीठ द्वारा फटकार लगाई गई थी। अदालत ने पहले रामदेव और बालकृष्ण की माफी को यह कहते हुए खारिज कर दिया था कि यह माफी नहीं बल्कि दिखावा थी। 16 अप्रैल को पिछली सुनवाई में दोनों को आज पेश होने और माफी मांगने का इरादा दिखाने के लिए कहा गया था।
रामदेव ने अखबारों में दिया था छोटा विज्ञापन
एक राष्ट्रीय हिंदी दैनिक में प्रकाशित विज्ञापन में पतंजलि ने कहा है कि वह सुप्रीम कोर्ट की प्रतिमा का अत्यंत सम्मान करता है। विज्ञापन में कहा गया है, “हम अपने वकील के आश्वासन के बावजूद विज्ञापन प्रकाशित करने और प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित करने में हुई गलतियों के लिए दिल से माफी मांगते हैं। हम इस गलती को नहीं दोहराने के लिए प्रतिबद्ध हैं।”