नई दिल्ली। राउज एवेन्यू कोर्ट में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने नेशनल हेराल्ड मनी लॉन्ड्रिंग मामले में कांग्रेस नेताओं सोनिया गांधी और राहुल गांधी के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए हैं। ईडी ने 21 मई को कोर्ट को बताया कि सोनिया और राहुल गांधी ने 142 करोड़ रुपये की ‘आपराधिक आय’ का लाभ उठाया।
यह मामला एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) और यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड से जुड़ा है, जिसमें सोनिया और राहुल गांधी की 76% हिस्सेदारी है। ईडी ने दावा किया कि यंग इंडियन ने एजेएल की 2000 करोड़ रुपये की संपत्तियों को मात्र 50 लाख रुपये में हासिल किया, जो एक “आपराधिक साजिश” का हिस्सा था।
कांग्रेस नेताओं पर 988 करोड़ रुपये की मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप
ईडी के विशेष वकील जोहेब हुसैन ने कोर्ट में कहा कि यंग इंडियन द्वारा प्राप्त 142 करोड़ रुपये की किराये की आय को अपराध की आय माना जाना चाहिए। एजेंसी ने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने एजेएल को दिए 90.21 करोड़ रुपये के कर्ज को 9.02 करोड़ रुपये की इक्विटी में बदल दिया, जिससे यंग इंडियन को एजेएल की 99% हिस्सेदारी मिल गई। ईडी ने पिछले महीने दायर अपनी चार्जशीट में सोनिया, राहुल, सैम पित्रोदा और अन्य पर 988 करोड़ रुपये की मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप लगाया।
2012 में बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने दर्ज की थी शिकायत
मामले की शुरुआत 2012 में बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी की शिकायत से हुई, जिसके बाद आयकर विभाग और ईडी ने जांच शुरू की। ईडी ने दावा किया कि यंग इंडियन और एजेएल की संपत्तियों का उपयोग 18 करोड़ रुपये की फर्जी दान, 38 करोड़ रुपये की फर्जी अग्रिम किराया और 29 करोड़ रुपये के फर्जी विज्ञापनों के जरिए अपराध की आय उत्पन्न करने के लिए किया गया।
सोनिया और राहुल गांधी के वकीलों ने कोर्ट से मामले की सुनवाई अगले महीने तक स्थगित करने की मांग की, ताकि वे जवाब तैयार कर सकें। कोर्ट ने सोनिया, राहुल, सैम पित्रोदा और अन्य को नोटिस जारी किया है। अगली सुनवाई 27 मई को होगी।