नई दिल्ली। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने भारत के साथ हुए युद्धविराम को ऐतिहासिक जीत करार देते हुए अपनी सेना की पेशेवर और प्रभावी प्रतिक्रिया की सराहना की। शनिवार को राष्ट्र के नाम संबोधन में शरीफ ने दावा किया कि पाकिस्तान ने भारत की आक्रामकता का मुंहतोड़ जवाब दिया। उन्होंने 22 अप्रैल के पहलगाम हमले को भारत द्वारा हमले का बहाना बताया। शरीफ ने युद्धविराम को क्षेत्रीय शांति के लिए सकारात्मक कदम बताया और अमेरिका, चीन, सऊदी अरब, तुर्की और यूके के नेताओं को मध्यस्थता के लिए धन्यवाद दिया।
हालांकि, युद्धविराम के कुछ घंटों बाद ही पाकिस्तान ने समझौते का उल्लंघन किया। जम्मू-कश्मीर के बारामूला, अखनूर, राजौरी और आरएस पुरा सेक्टरों में गोलीबारी और ड्रोन गतिविधियों की खबरें आईं। श्रीनगर में चार ड्रोन सेना मुख्यालय के पास मार गिराए गए। भारत के विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने इसे गंभीर उल्लंघन बताते हुए कहा कि भारतीय सेनाएं इसका जवाब दे रही हैं। मिस्री ने स्पष्ट किया कि युद्धविराम द्विपक्षीय बातचीत का परिणाम था, जिसमें पाकिस्तानी डीजीएमओ ने भारत से संपर्क किया था।
पाकिस्तानी सेना ने भारतीय सैन्य ठिकानों को तबाह किया
शरीफ ने अपने भाषण में भारत पर नागरिकों, मस्जिदों और बुनियादी ढांचे को निशाना बनाने का आरोप लगाया, जिसे भारत ने खारिज कर दिया। उन्होंने दावा किया कि पाकिस्तानी सेना ने भारतीय सैन्य ठिकानों को तबाह किया, लेकिन भारत ने इन दावों को झूठ बताया। कर्नल सोफिया कुरैशी ने प्रेस ब्रीफिंग में भारतीय ठिकानों की कार्यक्षमता के सबूत पेश किए।
भारत ने पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया
भारत ने युद्धविराम को ऑपरेशन सिंदूर का हिस्सा बताया, जो पहलगाम हमले के जवाब में शुरू किया गया था। इस ऑपरेशन में भारत ने पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया। दूसरी ओर, शरीफ ने युद्धविराम को कश्मीर और जल-बंटवारे जैसे मुद्दों के समाधान की दिशा में नई शुरुआत बताया। तनाव के बावजूद, रात भर सीमा पर गोलीबारी या विस्फोट की कोई खबर नहीं आई, लेकिन कई क्षेत्रों में हाई अलर्ट और ब्लैकआउट लागू रहे।