नई दिल्ली। कांग्रेस सांसद कार्ति चिदंबरम ने भारत-पाकिस्तान के बीच एशिया कप क्रिकेट मैच का समर्थन करते हुए कहा कि खेल को जटिल परिस्थितियों में भी खेला जाना चाहिए, भले ही दोनों देशों के बीच राजनयिक तनाव हो। यह बयान 29 जुलाई 2025 को संसद के मानसून सत्र के दौरान आया, जब पहलगाम आतंकी हमले और ऑपरेशन सिंदूर को लेकर राजनीतिक विवाद चल रहा था।
भारत और पाकिस्तान को एशिया कप में एक ही ग्रुप में रखा गया है, जिसमें 14 सितंबर को उनका मुकाबला होगा। यदि दोनों टीमें सुपर फोर के लिए क्वालिफाई करती हैं, तो 21 सितंबर को फिर भिड़ंत हो सकती है। फाइनल में भी दोनों के बीच मुकाबला संभव है। पहलगाम हमले के बाद, जिसमें 26 लोग मारे गए थे, बीसीसीआई पर पाकिस्तान के साथ खेलने के लिए आलोचना हो रही है।
पहलगाम में खुफिया और सुरक्षा विफलता का परिणाम
कार्ति ने अपने बयान में कहा, “अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में कभी-कभी उन देशों से खेलना पड़ता है, जिनके साथ संबंध अच्छे नहीं होते। हमें ऑपरेशन सिंदूर की जरूरत क्यों पड़ी, यह समझना चाहिए। यह पहलगाम में खुफिया और सुरक्षा विफलता का परिणाम था।” उन्होंने उम्मीद जताई कि सरकार इससे सबक लेगी।
संसद में बहस में शामिल न किए जाने पर नाराजगी जाहिर
इस बीच, कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने ऑपरेशन सिंदूर पर संसद में बहस में शामिल न किए जाने पर नाराजगी जाहिर की। उन्होंने ‘पुरब और पश्चिम’ फिल्म के एक गीत की पंक्तियों के साथ ट्वीट कर अप्रत्यक्ष रूप से अपनी निराशा व्यक्त की। तिवारी और शशि थरूर, दोनों अनुभवी सांसद, को बहस में बोलने का मौका नहीं दिया गया, जिससे पार्टी के भीतर असंतोष की अटकलें लगीं। दोनों पहले ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान के आतंकवाद समर्थन के खिलाफ वैश्विक मंचों पर भारत का पक्ष रख चुके हैं।
पहलगाम हमले के बाद शुरू हुए ऑपरेशन सिंदूर में भारत ने पाकिस्तान और पीओके में नौ आतंकी ठिकानों पर हमला कर 100 से अधिक आतंकवादियों को मार गिराया था। इसने भारत-पाक संबंधों में तनाव बढ़ा दिया, जिसके बीच क्रिकेट मैच को लेकर बहस तेज हो गई है।