मुंबई पुलिस ने कुणाल कामरा को फिर किया तलब, पूछताछ के लिए और समय देने से किया इनकार

नई दिल्ली। मुंबई पुलिस ने स्टैंड-अप कॉमेडियन कुणाल कामरा को उनके विवादास्पद मजाक के मामले में पूछताछ के लिए फिर से समन जारी किया। यह विवाद तब शुरू हुआ जब कुणाल ने अपने शो ‘नया भारत’ में महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे पर कटाक्ष करते हुए उन्हें ‘गद्दार’ कहा।

यह टिप्पणी 24 मार्च को उनके यूट्यूब चैनल पर अपलोड किए गए एक वीडियो में थी, जिसमें उन्होंने 1997 की फिल्म ‘दिल तो पागल है’ के गाने का पैरोडी वर्जन गाया। इस मजाक ने शिंदे की 2022 में शिवसेना से बगावत और भाजपा के साथ गठबंधन को निशाना बनाया। इसके बाद शिंदे गुट के शिवसेना कार्यकर्ताओं ने मुंबई के खार इलाके में हेबिटेट स्टूडियो में तोड़फोड़ की, जहां यह शो रिकॉर्ड हुआ था।

कुणाल के वकील ने मांगा था सात दिन का समय

मुंबई पुलिस ने कुणाल के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा 353(2) (सार्वजनिक शरारत) और 356(2) (मानहानि) के तहत एफआईआर दर्ज की। 25 मार्च को उन्हें खार पुलिस स्टेशन में पूछताछ के लिए बुलाया गया, लेकिन वह हाजिर नहीं हुए। उनके वकील ने सात दिन का समय मांगा, यह कहते हुए कि कुणाल मुंबई में नहीं हैं।

कुणाल को मिल रही जान से मारने की धमकी

हालांकि, पुलिस ने इस अनुरोध को खारिज कर दिया और बुधवार को दूसरा समन जारी किया, जिसमें उन्हें धारा 35 के तहत जल्द पेश होने को कहा गया। सूत्रों के मुताबिक, कुणाल को धमकी भरे 500 से अधिक कॉल मिले हैं, जिसमें कुछ में उन्हें जान से मारने की धमकी दी गई है।

सुपारी लेने जैसा लगता है: एकनाथ शिंदे

शिंदे ने इस मामले पर कहा, “हमें व्यंग्य समझ आता है, लेकिन इसकी सीमा होनी चाहिए। यह किसी के खिलाफ बोलने की सुपारी लेने जैसा है।” उन्होंने कार्यकर्ताओं की हिंसा का समर्थन नहीं किया, लेकिन कहा कि “हर कार्रवाई की प्रतिक्रिया होती है।” मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कुणाल से माफी की मांग की, वहीं शिवसेना (यूबीटी) के उद्धव ठाकरे ने उनका समर्थन करते हुए कहा, “गद्दार को गद्दार कहने में क्या गलत है?” इस बीच, हेबिटेट स्टूडियो ने तोड़फोड़ और बीएमसी की कार्रवाई के बाद बंद होने की घोषणा की।

माफी नहीं मांगूंगा और कानून का पालन करूंगा: कुणाल

कुणाल ने सोशल मीडिया पर बयान जारी कर कहा कि वह माफी नहीं मांगेंगे और कानून का पालन करेंगे, लेकिन हिंसा करने वालों के खिलाफ भी कार्रवाई होनी चाहिए। यह विवाद अभिव्यक्ति की आजादी और राजनीतिक संवेदनशीलता के बीच टकराव को उजागर करता है। पुलिस अब इस मामले में साजिश की जांच कर रही है कि क्या कुणाल को शिंदे के खिलाफ बोलने के लिए कोई समर्थन मिला था। आगे की कार्रवाई कानूनी राय के बाद तय होगी।

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