नई दिल्ली। पूर्व भारतीय क्रिकेटर हरभजन सिंह ने आईपीएल 2025 के दौरान हिंदी कमेंट्री की गुणवत्ता को लेकर एक प्रशंसक की शिकायत का जवाब दिया। यह घटना तब सामने आई जब एक प्रशंसक ने सोशल मीडिया पर हिंदी कमेंट्री की गिरती गुणवत्ता पर नाराजगी जताई।
प्रशंसक ने कहा कि पहले के दिनों में मनिंदर सिंह और अरुण लाल जैसे कमेंटेटर हिंदी में जानकारीपूर्ण और गंभीर विश्लेषण देते थे, लेकिन अब कमेंटेटर व्यंग्यात्मक टिप्पणियों और मजाक पर ज्यादा ध्यान देते हैं, जिससे खेल से जुड़ाव कम हो जाता है। इस टिप्पणी ने ऑनलाइन बहस छेड़ दी, क्योंकि कई लोगों ने हिंदी कमेंट्री की मौजूदा स्थिति पर असंतोष जताया।
आईपीएल 2025 में हिंदी कमेंट्री पैनल का हिस्सा रहें हैं हरभजन
हरभजन आईपीएल 2025 में हिंदी कमेंट्री पैनल का हिस्सा हैं। उन्होंने इस आलोचना को सकारात्मक रूप से लिया। उन्होंने एक्स पर जवाब देते हुए लिखा, “आपके सुझाव के लिए धन्यवाद। हम इस पर काम करेंगे।” उनकी यह प्रतिक्रिया प्रशंसकों के बीच सराही गई, क्योंकि यह दर्शाता है कि वह फीडबैक को गंभीरता से लेते हैं।
हरभजन के साथ इस पैनल में वीरेंद्र सहवाग, नवजोत सिंह सिद्धू, शिखर धवन, सुरेश रैना, रॉबिन उथप्पा और अंबाती रायुडु जैसे दिग्गज शामिल हैं। हालांकि, प्रशंसकों का मानना है कि वर्तमान कमेंट्री में गहराई और तकनीकी विश्लेषण की कमी है, जो पहले के कमेंटेटर बेहतर तरीके से पेश करते थे।
लंबे समय से हिंदी कमेंट्री की होती रही है आलोचना
यह पहली बार नहीं है जब हरभजन हिंदी कमेंट्री को लेकर चर्चा में आए हों। इससे पहले फरवरी में, एक प्रशंसक द्वारा हिंदी कमेंट्री को ‘क्रिंज’ कहने पर उन्होंने तीखी प्रतिक्रिया दी थी और कहा था, “अपनी भाषा पर गर्व करना चाहिए।” उस घटना ने उनके हिंदी के प्रति सम्मान को उजागर किया था, लेकिन इस बार उन्होंने शांत और सकारात्मक रुख अपनाया। हिंदी कमेंट्री की आलोचना लंबे समय से होती रही है, खासकर तब जब इसे अंग्रेजी कमेंट्री की तुलना में कम पेशेवर माना जाता है। प्रशंसकों का कहना है कि मजाक और एक-लाइनर्स के बजाय खेल की बारीकियों पर ध्यान देना चाहिए।
हरभजन पर कमेंट्री को बेहतर बनाने की अपील
आईपीएल का अगला मुकाबला 26 मार्च को गुवाहाटी के बरसापारा स्टेडियम में कोलकाता नाइट राइडर्स और राजस्थान रॉयल्स के बीच होगा। हरभजन और उनकी टीम के पास यह मौका है कि वे प्रशंसकों की उम्मीदों पर खरा उतरें और कमेंट्री को बेहतर बनाएं। यह घटना हिंदी प्रसारण की गुणवत्ता पर चल रही बहस को और हवा दे सकती है, और शायद भविष्य में बदलाव की शुरुआत हो।