नई दिल्ली। ओडिशा के समुद्र तटीय तीर्थ शहर पुरी में वार्षिक भगवान जगन्नाथ रथ यात्रा के दौरान भगदड़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई, जिसमें कई श्रद्धालु घायल हो गए। सूत्रों ने बताया कि रविवार को ‘रथ खींचने’ की रस्म के दौरान एक व्यक्ति गंभीर रूप से घायल हो गया। यह घटना पुरी के ग्रैंड रोड बड़ा डांडा पर हुई, जहां भव्य जुलूस चल रहा था।
प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि रथ खींचने के दौरान हुए हादसे में एक व्यक्ति गंभीर रूप से घायल हो गया। यह दुर्घटना भगवान बलभद्र के रथ को खींचने के दौरान हुई, जो परंपरागत रूप से जुलूस का नेतृत्व करता है। घटनास्थल पर मौजूद आपातकालीन सेवाओं ने घायलों को इलाज के लिए नजदीकी अस्पतालों में पहुंचाया। रथ यात्रा में हजारों भक्त भव्य रथों को देखने और उन्हें खींचने में भाग लेने के लिए इकट्ठा होते हैं।
पहले दिन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने रथों की परिक्रमा की
हजारों लोगों ने पुरी के 12वीं सदी के जगन्नाथ मंदिर से लगभग 2.5 किमी दूर गुंडिचा मंदिर की ओर विशाल रथों को आगे बढ़ाया। पुरी के शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती द्वारा अपने शिष्यों के साथ भगवान जगन्नाथ, भगवान बलभद्र और देवी सुभद्रा के रथों के दर्शन करने के बाद शाम करीब 5.20 बजे रथ खींचना शुरू हुआ और पुरी के राजा ने ‘छेरा पाहनरा’ (रथ साफ करने) की रस्म पूरी की। इससे पहले दिन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने तीनों रथों की परिक्रमा की और देवताओं के सामने सिर झुकाया।
भगवान बलभद्र के लगभग 45 फुट ऊंचे लकड़ी के रथ को खींचने के लिए हजारों लोग एकत्र हुए। इस कार्यक्रम के बाद देवी सुभद्रा और भगवान जगन्नाथ के रथों को खींचा जाएगा। उत्साही भक्त इस पवित्र अवसर की एक झलक पाने के लिए उत्सुक थे, इसलिए हवा ‘जय जगन्नाथ’ और ‘हरिबोल’ के जयकारों से गूंज उठी।