नई दिल्ली। राजस्थान के झालावाड़ जिले के पिपलोदी गांव में एक सरकारी प्राथमिक स्कूल की छत गिरने से सात बच्चों की मौत हो गई और 28 अन्य घायल हो गए। यह दुखद घटना सुबह प्रार्थना सभा के दौरान हुई, जब कक्षा 6 और 7 के करीब 35 बच्चे कक्षा में मौजूद थे। प्रत्यक्षदर्शी छात्रों के अनुसार, छत से मलबा और पत्थर गिरने की चेतावनी बच्चों ने शिक्षकों को दी थी, लेकिन शिक्षक, जो उस समय नाश्ता कर रहे थे, ने बच्चों को डांटकर वापस कक्षा में बैठने को कहा। एक छात्र ने बताया, “पत्थर गिर रहे थे, हमने शिक्षकों को बताया, लेकिन उन्होंने हमें चुप रहने को कहा।”
स्थानीय लोगों और पुलिस के अनुसार, 35 साल पुरानी स्कूल की इमारत जर्जर हालत में थी। हाल के भारी बारिश और पानी के रिसाव ने इमारत को और कमजोर कर दिया था। ग्रामीणों ने पहले भी इमारत की खराब स्थिति की शिकायत की थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। घटना के बाद, जिला प्रशासन ने त्वरित कार्रवाई करते हुए पांच शिक्षा विभाग के अधिकारियों, जिसमें शिक्षक शामिल हैं, को निलंबित कर दिया। झालावाड़ के जिला कलेक्टर अजय सिंह राठौर ने कहा कि जून में जर्जर इमारतों की सूचना देने के आदेश दिए गए थे, लेकिन इस स्कूल का नाम सूची में नहीं था।
मुख्यमंत्री ने घटना पर शोक जताया
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने हादसे पर शोक जताया। शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए और प्रत्येक मृतक के परिवार को 10 लाख रुपये मुआवजा व एक नौकरी देने की घोषणा की। कांग्रेस नेता राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे ने बीजेपी सरकार पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए निष्पक्ष जांच और सख्त सजा की मांग की। स्थानीय लोगों ने प्रशासन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया, जिसे नियंत्रित करने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा।