‘समर्थन मूल्य सहयोगियों के लिए है, किसानों के लिए नहीं’, अखिलेश यादव का बजट पर प्रहार, INDIA का विरोध

समर्थन मूल्य सहयोगियों के लिए है, किसानों के लिए नहीं

नई दिल्ली। कांग्रेस नेता राहुल गांधी और सोनिया गांधी सहित विपक्षी भारतीय ब्लॉक के सांसदों ने नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा पेश किए गए भेदभावपूर्ण बजट के खिलाफ बुधवार को संसद में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन किया। इंडिया ब्लॉक ने आरोप लगाया है कि तीसरी नरेंद्र मोदी सरकार के पहले बजट में विपक्ष शासित राज्यों की कीमत पर बिहार और आंध्र प्रदेश में एनडीए सहयोगियों को प्राथमिकता दी गई।

कांग्रेस नेताओं के अलावा, टीएमसी, समाजवादी पार्टी, डीएमके और वाम दलों के कई सांसद संसद में विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए। सांसदों ने ‘हमें भारत का बजट चाहिए, एनडीए का बजट नहीं’ और ‘एनडीए ने बजट में भारत को धोखा दिया है’ जैसी तख्तियां उठायीं। अपने विरोध के तहत कांग्रेस मुख्यमंत्रियों ने 27 जुलाई को होने वाली नीति आयोग की बैठक का बहिष्कार करने का भी फैसला किया है।

किसानों के बदले सहयोगियों को मिला समर्थन मूल्य

भाजपा पर निशाना साधते हुए समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि बजट सरकार बचाने के लिए एनडीए गठबंधन सहयोगियों को समर्थन मूल्य देने पर केंद्रित था। एएनआई ने यादव के हवाले से कहा, “हम सभी मांग कर रहे थे कि किसानों को एमएसपी मिलना चाहिए, लेकिन समर्थन मूल्य किसानों के बजाय गठबंधन सहयोगियों को दिया जाता है जो अपनी सरकार बचा रहे हैं। सरकार मुद्रास्फीति के संबंध में कोई ठोस कदम नहीं उठा सकी।”

उन्होंने आगे कहा, “उत्तर प्रदेश को कुछ नहीं मिला। डबल इंजन सरकार से यूपी को दोहरा फायदा मिलना चाहिए था। मुझे लगता है कि लखनऊ के लोगों ने दिल्ली के लोगों को नाराज कर दिया है। इसका नतीजा बजट में दिख रहा है।”

बजट जनविरोधी है: खरगे

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने इसे ‘भ्रामक’ बजट बताया जो लोगों के साथ अन्याय है। खड़गे ने कहा, “यह बजट जनविरोधी है, किसी को न्याय नहीं मिला। उन्होंने विशेष पैकेज की बात की है, लेकिन विशेष दर्जा नहीं दिया गया। यह भ्रामक बजट है और लोगों के साथ अन्याय है।”

बजट को ‘महाराष्ट्र विरोधी योजना’ करार दिया

एनडीए के दो सहयोगियों, क्रमशः टीडीपी और जेडी (यू) द्वारा शासित आंध्र प्रदेश और बिहार ने केंद्रीय बजट में बड़ा हिस्सा निकाला। भाजपा, जिसके पास अपने दम पर बहुमत नहीं है, सत्ता में बने रहने के लिए अपने सहयोगियों पर निर्भर है। जहां कांग्रेस सांसद अमरिन्दर सिंह राजा वारिंग ने पंजाब को बाढ़ सहायता नहीं मिलने की बात कही, वहीं शिवसेना (यूबीटी) नेता प्रियंका चतुर्वेदी ने बजट को “महाराष्ट्र विरोधी योजना” करार दिया।

चतुर्वेदी ने कहा, “यह विरोध बजट में भेदभाव के खिलाफ है। सभी विपक्ष शासित राज्यों को नजरअंदाज कर दिया गया है। महाराष्ट्र सबसे ज्यादा कर देने वाला राज्य है, फिर भी हमें बदले में अपना हिस्सा नहीं मिलता है।”

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