नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने 21 जुलाई को कर्नाटक सरकार की उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें उसने BJP सांसद तेजस्वी सूर्या के खिलाफ हावेरी जिले में एक किसान की आत्महत्या से संबंधित ‘फर्जी खबर’ फैलाने के आरोप में दर्ज FIR को रद्द करने के कर्नाटक हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती दी थी।
रिपोर्ट के अनुसार, मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई की अध्यक्षता वाली पीठ ने कर्नाटक सरकार पर 25 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया और कहा, “इन लड़ाइयों को कोर्ट के बाहर, मतदाताओं के सामने लड़ें।” कोर्ट ने इस मामले को राजनीतिकरण करने के लिए सरकार की आलोचना की।
मामला नवंबर 2024 में तेजस्वी सूर्या के एक सोशल मीडिया पोस्ट से शुरू हुआ, जिसमें उन्होंने दावा किया था कि हावेरी के किसान रुद्रप्पा चन्नप्पा बलिकाई ने वक्फ बोर्ड द्वारा उनकी जमीन पर दावा किए जाने के बाद आत्महत्या कर ली। सूर्या ने मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और मंत्री बीजेड जामीर अहमद खान पर किसानों को परेशान करने का आरोप लगाया था। हावेरी पुलिस ने स्पष्ट किया कि जनवरी 2022 में हुई रुद्रप्पा की आत्महत्या का कारण कर्ज और फसल नुकसान था, न कि वक्फ बोर्ड। इसके बाद सूर्या ने पोस्ट हटा दी थी।
कर्नाटक हाईकोर्ट ने 12 दिसंबर को एफआईआर को रद्द कर दिया
हावेरी पुलिस ने सूर्या और दो कन्नड़ न्यूज पोर्टल्स के संपादकों के खिलाफ भादसं की धारा 353(2) के तहत FIR दर्ज की थी, जिसमें झूठी जानकारी फैलाकर समुदायों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने का आरोप था। कर्नाटक हाई कोर्ट ने 12 दिसंबर 2024 को इस FIR को रद्द कर दिया, यह कहते हुए कि सूर्या का पोस्ट, जो बाद में हटा दिया गया, अपराध के लिए आवश्यक तत्वों को पूरा नहीं करता। हाई कोर्ट के जज एम नागप्रसन्ना ने कहा कि इस मामले में जांच आगे बढ़ाना कानून का दुरुपयोग होगा।
कर्नाटक सरकार की अपील खारिज
सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के फैसले को बरकरार रखते हुए कर्नाटक सरकार की अपील को खारिज कर दिया। कोर्ट ने इस मामले को “संवेदनशील मुद्दों का राजनीतिकरण” करार दिया और सरकार को चेतावनी दी कि वह ऐसे मामलों को कोर्ट में न लाए। यह फैसला तेजस्वी सूर्या के लिए बड़ी राहत है, जबकि कर्नाटक सरकार को झटका लगा है।