नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को दिल्ली उच्च न्यायालय के उस आदेश पर रोक लगा दी, जिसमें दिल्ली सरकार को राष्ट्रीय राजधानी में आयुष्मान भारत योजना के कार्यान्वयन के लिए केंद्र के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर करने का निर्देश दिया गया था।
शीर्ष अदालत का यह आदेश दिल्ली उच्च न्यायालय के निर्देश के खिलाफ दिल्ली सरकार द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए आया। सुप्रीम कोर्ट में पेश होते हुए दिल्ली सरकार के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि हाई कोर्ट ने केंद्र और दिल्ली सरकार के बीच सत्ता की साझेदारी को फिर से परिभाषित किया है।
हाईकोर्ट सरकार को मजबूर नहीं कर सकते: सिंघवी
सिंघवी ने शीर्ष अदालत के समक्ष पेश होते हुए कहा, “वे मुझे मजबूर नहीं कर सकते। उच्च न्यायालय मुझे नीतिगत मामलों पर केंद्र सरकार के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने के लिए कैसे मजबूर कर सकता है?” दिल्ली सरकार ने राष्ट्रीय राजधानी में केंद्र की आयुष्मान भारत योजना के कार्यान्वयन का विरोध करते हुए कहा है कि यह पहले से मौजूद स्वास्थ्य देखभाल कार्यक्रमों को कमतर करने जैसा होगा।”
प्रति परिवार 5 लाख रुपये तक होगा फ्री इलाज
सरकार की प्रमुख आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (पीएम-जेएवाई) के तहत, 70 वर्ष से अधिक आयु के वरिष्ठ नागरिक प्रति वर्ष प्रति परिवार 5 लाख रुपये तक के कैशलेस स्वास्थ्य कवरेज के हकदार हैं। यह प्रमुख सर्जरी, पुरानी बीमारी के उपचार और विशेष स्वास्थ्य सेवाओं सहित कई प्रकार की स्थितियों के लिए अस्पताल में भर्ती होने के खर्चों को कवर करता है, जो उम्र बढ़ने के साथ और अधिक आवश्यक हो जाते हैं।