पटना। बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले सियासी माहौल गर्म है। 18 जुलाई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बिहार दौरे से पहले राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) नेता तेजस्वी यादव ने तीखा हमला बोला। उन्होंने केंद्रीय मंत्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह की सावन में मटन पार्टी की आलोचना की और बीजेपी पर दोहरा मापदंड अपनाने का आरोप लगाया।
तेजस्वी ने एएनआई से कहा, “बीजेपी अब कहेगी कि ललन सिंह का मटन खिलाना पुण्य है, क्योंकि वह उनके सहयोगी और केंद्रीय मंत्री हैं। लेकिन जब मैंने ऐसा किया था, तब पीएम मोदी ने मेरी आलोचना की थी।” उन्होंने उम्मीद जताई कि पीएम मोदी अपने दौरे में इस मुद्दे पर बोलेंगे।
पीएम मोदी झूठ की बरसात करने आ रहे: तेजस्वी यादव
तेजस्वी ने पीएम मोदी पर भी निशाना साधा, दावा किया कि वह बिहार में “झूठ की बरसात” और “झूठे वादों की ओलावृष्टि” लेकर आ रहे हैं। यह बयान आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव के उस कथन के समर्थन में था, जिसमें उन्होंने मोदी के दौरे को “झूठ का मेला” करार दिया था। तेजस्वी ने नीतीश कुमार पर भी तंज कसा और कहा कि वह अब बिहार को नियंत्रित नहीं कर पा रहे और लोग उन्हें अगला मुख्यमंत्री बनाना चाहते हैं।
सिवान में 10 हजार करोड़ रुपये की परियोजनाओं का उद्घाटन
मोदी के दौरे में सिवान में 10,000 करोड़ रुपये की परियोजनाओं का उद्घाटन शामिल था, लेकिन तेजस्वी ने इसे ‘घिसा-पिटा’ और टेलीप्रॉम्प्टर से पढ़ा गया भाषण बताया। बिहार में एनडीए और महागठबंधन के बीच तीखी जंग है। सीवोटर सर्वे के अनुसार, तेजस्वी 36.9% समर्थन के साथ मुख्यमंत्री पद के लिए पसंदीदा उम्मीदवार हैं। दूसरी ओर, नीतीश कुमार की जेडीयू को 102-103 सीटों पर लड़ने की उम्मीद है, जबकि बीजेपी 100-102 सीटों पर उतरेगी।
यह विवाद बिहार की सियासत में धार्मिक और सामाजिक मुद्दों के इर्द-गिर्द घूम रहा है। तेजस्वी ने बीजेपी पर सावन में मटन खाने को लेकर चुप्पी साधने का आरोप लगाया, जबकि दो साल पहले लालू प्रसाद की मटन पार्टी पर बीजेपी ने हंगामा किया था। बिहार में चुनाव नजदीक आते ही ऐसे बयान और विवाद सियासी माहौल को और गर्म कर रहे हैं।