नई दिल्ली। अपनी ‘घुसपैठियों’ और ‘अधिक बच्चों वाले’ टिप्पणियों पर स्पष्टीकरण देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि जिस दिन वह हिंदू-मुस्लिम करना शुरू कर देंगे, उस दिन वह सार्वजनिक जीवन के लिए योग्य नहीं रहेंगे। न्यूज़ 18 को दिए इंटरव्यू में पीएम मोदी ने कहा कि वह मुसलमानों के प्रति तुष्टीकरण नहीं करते। मैं वोट बैंक के लिए काम नहीं करता। मैं सबका साथ, सबका विकास में विश्वास करता हूं।”
प्रधानमंत्री ने मंगलवार को कहा, “मैं हैरान हूं। आपसे किसने कहा कि जब भी कोई अधिक बच्चों वाले लोगों के बारे में बात करता है, तो यह निष्कर्ष निकाला जाता है कि वे मुस्लिम हैं? आप मुसलमानों के प्रति इतने अन्यायी क्यों हैं? गरीब परिवारों में भी यही स्थिति है। जहां गरीबी है, वहां अधिक हैं बच्चे हैं, चाहे उनका सामाजिक दायरा कुछ भी हो। मैंने हिंदू या मुस्लिम का उल्लेख नहीं किया है। मैंने कहा है कि आपको उतने ही बच्चे पैदा करने चाहिए, जिनकी देखभाल आप कर सकें।”
2002 के बाद मेरी छवि खराब की गई: मोदी
गुजरात में गोधरा के बाद हुए दंगों का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि उनके विरोधियों ने 2002 (गोधरा दंगों) के बाद मुसलमानों के बीच उनकी छवि ‘खराब’ कर दी। उन्होंने कहा, “यह मुद्दा मुसलमानों के बारे में नहीं है। भले ही व्यक्तिगत मुसलमान मोदी के कितने भी समर्थक क्यों न हों, एक विचार की लहर है जो उन्हें आदेश देती है यह करो, वह करो।”
मेरे घर में ईद मनाया जाता था: पीएम मोदी
उन्होंने कहा, “मेरे घर में, मेरे आसपास सभी मुस्लिम परिवार हैं। ईद हमारे घर में भी मनाया जाता था और हमारे घर में दूसरे त्योहार भी होते थे। ईद के दिन हमारे घर में खाना नहीं बनता था। जब मुहर्रम शुरू होता था तो मुसलमान भाइयों के घर से हमारे यहां खाना आता था। मैं आज भी उसी दुनिया में बड़ा हुआ हूं। 2002 (गोधरा) के बाद मेरी छवि खराब हो गई।”
देश की जनता मुझे वोट देगी: मोदी
यह पूछे जाने पर कि क्या इस लोकसभा चुनाव में मुसलमान उन्हें वोट देंगे? उन्होंने कहा, ‘देश की जनता मुझे वोट देगी।’पीएम मोदी ने कहा, “जिस दिन मैं हिंदू-मुसलमान करना शुरू कर दूंगा, मैं सार्वजनिक क्षेत्र में रहने का हकदार नहीं रहूंगा। मैं हिंदू-मुस्लिम नहीं करूंगा। यह मेरी प्रतिज्ञा है।” इससे पहले, प्रधानमंत्री मोदी ने राजस्थान में एक सार्वजनिक रैली में आरोप लगाया कि कांग्रेस लोगों का सोना और संपत्ति छीनना चाहती है और इसे अधिक बच्चे रखने वालों के बीच वितरित करना चाहती है।