नई दिल्ली। देश में एक जुलाई से तीन आपराधिक कानून लागू हो गए हैं। वहीं भारतीय न्याय संहिता का एक धारा 69 इन दिनों खूब चर्चा में है। दरअसल, अभी तक हमारे कानून में शादी के धोखे में रखकर महिला से शारीरिक संबंध बनाने जैसे अपराध को लेकर कोई प्रावधान नहीं था। वहीं इस धारा में इसको भी जोड़ गया है और अपराध साबित होने पर अब 10 साल तक की जेल हो सकती है।
भारतीय न्याय संहिता नाम से नई भारतीय दंड संहिता के तहत लाया गया यह कानून ‘धोखे से सेक्स’ को अपराध मानता है। इसमें कहा गया है कि जो कोई किसी महिला के साथ धोखे से शादी करने का वादा करके या उसे नौकरी या पदोन्नति का वादा करके यौन संबंध बनाने के लिए प्रेरित करता है तो उसे 10 साल तक की जेल और जुर्माना हो सकता है। यह कानून पहचान छिपाकर किसी महिला से शादी करने को भी अपराध मानता है।
विभिन्न संगठनों ने किया विरोध
वहीं, इस धारा को लेकर देश के कई हिस्सों में विभिन्न संगठनों ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया है। इस विरोध प्रदर्शन में सभी उम्र और जेंडर के नागरिकों ने अपनी आवाज बुलंद की। उन्होंने कहा कि यह कानून भेदभावपूर्ण, असंवैधानिक है। इसके दुरुपयोग की ज्यादा संभावना है और इसलिए इसे इसके मौजूदा स्वरूप में वापस लेने की जरूरत है। उनका कहना था कि देश में ऐसे कई मामले सामने आए हैं जहां संबंध टूटने पर महिलाओं ने बलात्कार का आरोप लगाया। लेकिन धारा 69 के साथ महिलाएं झूठे वादों पर संबंध बनाने के लिए सहमति देने का दावा कर सकती हैं।
अभी तक आईपीसी की धारा 90 के तहत दर्ज होता था केस
भारतीय न्याय संहिता की धारा 69 नई और अभूतपूर्व है, क्योंकि भारतीय दंड संहिता में तथ्यों को छिपाकर या धोखे से संभोग करने के लिए कोई विशेष प्रावधान नहीं थे। इससे पहले, ऐसे मामलों की सुनवाई आईपीसी की धारा 90 के तहत की जाती थी, जिसमें उल्लेख किया गया था कि कोई भी महिला संभोग के लिए मना कर सकती है अगर वह पाती है कि उसके साथ कुछ भी गलत हो सकता है। यह पाती थी कि वह तो वह संभोग के लिए सहमति नहीं दे सकती थी।