पटना। बिहार में महागठबंधन (INDIA गठबंधन) ने चुनाव आयोग के विशेष गहन मतदाता सूची संशोधन (SIR) के खिलाफ ‘बिहार बंद’ और ‘चक्का जाम’ का आह्वान किया। कांग्रेस नेता राहुल गांधी और राजद नेता तेजस्वी यादव ने पटना में आयकर गोलंबर से चुनाव आयोग कार्यालय तक मार्च का नेतृत्व किया। इस प्रदर्शन में CPI, CPI(ML) लिबरेशन और अन्य विपक्षी दलों के नेता शामिल हुए। विपक्ष ने SIR को ‘वोटबंदी’ करार देते हुए आरोप लगाया कि यह गरीबों, दलितों, पिछड़ों और प्रवासी मजदूरों के वोटिंग अधिकार छीनने की साजिश है।
प्रदर्शनकारियों ने पटना के महात्मा गांधी सेतु पर टायर जलाकर यातायात रोक दिया। जहानाबाद, दरभंगा, अररिया और अन्य जिलों में रेलवे ट्रैक और सड़कें जाम की गईं। राजद की छात्र शाखा ने जहानाबाद रेलवे स्टेशन पर ट्रेनें रोकीं, जबकि दरभंगा में नमो भारत ट्रेन को बाधित किया गया। स्वतंत्र सांसद पप्पू यादव ने भी सचिवालय हाल्ट स्टेशन पर प्रदर्शन में हिस्सा लिया। तेजस्वी यादव ने चुनाव आयोग पर ‘गोदी आयोग’ बनने का आरोप लगाया और दावा किया कि 11 दस्तावेजों की मांग गरीबों के लिए अव्यवहारिक है, जिससे 4.5 करोड़ प्रवासियों के वोट कट सकते हैं।
10 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट में होगी मामले की सुनवाई
यह विरोध भारत बंद के साथ मेल खाता है, जिसे 10 केंद्रीय ट्रेड यूनियनों ने न्यूनतम वेतन और नए श्रम कानूनों के खिलाफ बुलाया था। बिहार में रेल और सड़क यातायात बुरी तरह प्रभावित हुआ। भाजपा ने विपक्ष पर ‘हुड़दंग’ का आरोप लगाया, जबकि चुनाव आयोग ने SIR को नियमित प्रक्रिया बताया। विपक्षी नेताओं ने चेतावनी दी कि यह प्रक्रिया 2025 बिहार विधानसभा चुनाव से पहले मतदाताओं को हाशिए पर धकेल सकती है। इस मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट में 10 जुलाई को सुनवाई होनी है।