नई दिल्ली। रविवार को राजधानी ढाका सहित बांग्लादेश के कई शहरों में हिंसा की एक ताजा लहर फैल गई। इसमें अब तक 79 से अधिक लोगों की मौत हो गई और सैकड़ों लोग घायल हो गए। छात्र प्रदर्शनकारी पुलिस और सत्तारूढ़ पार्टी के कार्यकर्ताओं के साथ भिड़ गए। प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्तीफे की मांग कर रहे हजारों प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े और स्टन ग्रेनेड का इस्तेमाल किया।
सरकार ने रविवार शाम 6 बजे से अनिश्चितकालीन राष्ट्रव्यापी कर्फ्यू की घोषणा की। पिछले महीने शुरू हुए मौजूदा विरोध प्रदर्शनों के दौरान पहली बार सरकार ने ऐसा कदम उठाया है। बांग्लादेश में भारतीय अधिकारियों ने अस्थिर स्थिति को देखते हुए नागरिकों से सतर्क रहने को कहा।
हसीना की सरकार पतन के कगार पर
15 साल से अधिक समय तक शासन करने के बाद जनवरी में लगातार चौथी बार सत्ता में लौटीं हसीना के लिए विरोध प्रदर्शन एक बड़ी चुनौती बन गई है। ऐसा प्रतीत होता है कि हसीना की सरकार पतन के कगार पर है क्योंकि प्रदर्शनकारी अब उनके इस्तीफे की मांग पर जोर दे रहे हैं।
प्रदर्शनकारियों की भीड़ ढाका के केंद्रीय शाहबाग चौराहे पर जमा हो गईं। जबकि पिछले दौर की झड़पें मुख्य रूप से ढाका और उसके बाहरी इलाकों पर केंद्रित थीं। रविवार की हिंसा कई शहरों में फैल गई। प्रदर्शनकारियों ने प्रमुख राजमार्गों को अवरुद्ध कर दिया। भीड़ की पुलिस के साथ झड़प हुई और सत्तारूढ़ अवामी लीग का समर्थन करने वाले समूहों से भिड़ गए।
प्रदर्शन में विपक्षी दल के समर्थक भी शामिल
प्रदर्शनकारियों में छात्र और मुख्य विपक्षी बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी के समर्थक शामिल हैं। प्रदर्शनकारी लोगों से करों और उपयोगिता बिलों का भुगतान न करने और बांग्लादेश में कार्य दिवस रविवार को काम पर न आने का आग्रह किया है। विरोध करने वाले नेताओं ने आंदोलनकारियों से खुद को बांस की लाठियों के साथ लैस रहने का आह्वान किया था। बता दें जुलाई में विरोध प्रदर्शन को पुलिस ने बड़े पैमाने पर कुचल दिया था।