नई दिल्ली। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने भारत के साथ शांति वार्ता की इच्छा जताई है, जिसमें कश्मीर, आतंकवाद, जल बंटवारा और व्यापार जैसे प्रमुख मुद्दों को हल करने की बात कही। यह बयान उन्होंने तेहरान में अपनी चार देशों की यात्रा के दूसरे चरण के दौरान ईरानी राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियान के साथ संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में दिया। शरीफ ने कहा, “हम कश्मीर और जल मुद्दे सहित सभी विवादों को बातचीत से हल करना चाहते हैं। हम व्यापार और आतंकवाद के खिलाफ सहयोग पर भी चर्चा को तैयार हैं।”
उन्होंने चेतावनी दी कि यदि भारत आक्रामक रुख अपनाता है, तो पाकिस्तान इसका जवाब देगा। यह बयान हाल की सैन्य तनातनी के बाद आया है, जो 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले से शुरू हुई, जिसमें 26 लोग मारे गए थे। इसके जवाब में भारत ने 7 मई को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान और पीओके में नौ आतंकी ठिकानों पर सटीक हमले किए, जिसमें 100 से अधिक आतंकवादी मारे गए। पाकिस्तान ने 8-10 मई को जवाबी हमले किए, लेकिन 10 मई को दोनों देशों ने डीजीएमओ-स्तरीय बातचीत के बाद युद्धविराम पर सहमति जताई।
भारत के साथ संघर्ष में ईरान ने की पाकिस्तान की मदद
शरीफ ने दावा किया कि चार दिन के संघर्ष में पाकिस्तान विजयी रहा और ईरान के समर्थन की सराहना की। भारत ने स्पष्ट किया है कि वह केवल पीओके की वापसी और आतंकवाद पर द्विपक्षीय बातचीत करेगा, बिना किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता के। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा, “पाकिस्तान के साथ बातचीत केवल पीओके और आतंकवाद पर होगी।”
शरीफ ने ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला सैयद अली खामेनेई से भी मुलाकात की, जहां क्षेत्रीय स्थिरता और मुस्लिम एकता पर चर्चा हुई। यह पेशकश भारत-पाक संबंधों में तनाव के बीच एक नया मोड़ हो सकती है, लेकिन कश्मीर पर दोनों देशों के रुख में मतभेद के कारण सफलता की संभावना कम दिखती है।