A+ ग्रेड में ही रहेंगे रोहित शर्मा और विराट कोहली, श्रेयस अय्यर और ईशान किशन को लेकर भी आया अपडेट

नई दिल्ली। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने हाल ही में अपने केंद्रीय अनुबंध प्रणाली के बारे में जानकारी साझा की है, जो भारतीय क्रिकेटरों को उनके प्रदर्शन और योगदान के आधार पर वर्गीकृत करती है। यह अनुबंध प्रणाली खिलाड़ियों को निश्चित वार्षिक वेतन, मैच फीस और अन्य सुविधाएं प्रदान करती है।

बीसीसीआई के केंद्रीय अनुबंध चार ग्रेड में बंटे हैं: ए+, ए, बी और सी, जो खिलाड़ियों के प्रदर्शन, अनुभव और टीम में उनकी भूमिका पर आधारित हैं। यह प्रणाली खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करने और उनकी प्रतिबद्धता सुनिश्चित करने के लिए बनाई गई है।

ग्रेड ए प्लस के खिलाड़ियों को मिलते हैं सालाना 7 करोड़

ग्रेड ए+ में शामिल खिलाड़ियों को सालाना 7 करोड़ रुपये मिलते हैं। इसमें रोहित शर्मा, विराट कोहली, जसप्रीत बुमराह और रवींद्र जडेजा जैसे शीर्ष खिलाड़ी शामिल हैं, जो सभी प्रारूपों (टेस्ट, वनडे, टी20) में उत्कृष्ट प्रदर्शन करते हैं। ग्रेड ए के खिलाड़ियों को 5 करोड़ रुपये, ग्रेड बी को 3 करोड़ रुपये और ग्रेड सी को 1 करोड़ रुपये सालाना मिलते हैं।

इसके अलावा, खिलाड़ियों को प्रत्येक मैच के लिए अलग से फीस भी दी जाती है: टेस्ट के लिए 15 लाख, वनडे के लिए 6 लाख और टी20 के लिए 3 लाख रुपये। जो खिलाड़ी प्लेइंग इलेवन में नहीं होते, उन्हें इस फीस का 50% मिलता है।

टेस्ट मैचों में लगातार हिस्सा लेनेवालों को मिलता है बोनस

यह अनुबंध केवल वेतन तक सीमित नहीं है। खिलाड़ियों को चिकित्सा सहायता, शीर्ष प्रशिक्षण सुविधाएं और यात्रा भत्ते जैसे अतिरिक्त लाभ भी मिलते हैं। बीसीसीआई ने टेस्ट क्रिकेट को बढ़ावा देने के लिए ‘टेस्ट क्रिकेट प्रोत्साहन योजना’ भी शुरू की है, जिसमें टेस्ट मैचों में लगातार भागीदारी के लिए बोनस दिया जाता है। अनुबंध की अवधि आमतौर पर एक साल की होती है, जो क्रिकेट सीजन के साथ अपग्रेड होती है। खिलाड़ियों का ग्रेड उनके प्रदर्शन के आधार पर बढ़ाया या घटाया जा सकता है। उदाहरण के लिए, 3 टेस्ट, 8 वनडे या 10 टी20 खेलने वाले खिलाड़ी स्वतः ग्रेड सी में शामिल हो जाते हैं।

श्रेयस अय्यर और ईशान किशन को किया गया बाहर

हालांकि, यह प्रणाली विवादों से मुक्त नहीं रही। हाल ही में श्रेयस अय्यर और ईशान किशन को अनुबंध से हटा दिया गया, क्योंकि उन्होंने घरेलू क्रिकेट में भाग लेने से इनकार कर दिया था। बीसीसीआई ने स्पष्ट किया कि खिलाड़ियों को राष्ट्रीय टीम के साथ-साथ घरेलू क्रिकेट को प्राथमिकता देनी होगी। दूसरी ओर, शुभमन गिल और कुलदीप यादव जैसे खिलाड़ियों को उनके शानदार प्रदर्शन के लिए ऊंचे ग्रेड में पदोन्नति मिली। यह प्रणाली न केवल खिलाड़ियों को आर्थिक सुरक्षा देती है, बल्कि उन्हें सभी प्रारूपों में बेहतर प्रदर्शन के लिए प्रेरित भी करती है। बीसीसीआई की यह नीति भारतीय क्रिकेट को मजबूत करने में अहम भूमिका निभाती है।

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