नई दिल्ली। लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने रविवार को सेबी अध्यक्ष माधबी बुच के खिलाफ अमेरिकी शॉर्ट-सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च के ताजा आरोपों पर चिंता जताई और कहा कि प्रतिभूति नियामक की अखंडता से गंभीर समझौता किया गया है।
उन्होंने यह भी कहा कि अमेरिकी शॉर्ट-सेलर फर्म की हालिया रिपोर्ट स्पष्ट रूप से इंगित करती है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आरोपों के खिलाफ संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) की जांच से क्यों डरते हैं?
हिंडनबर्ग रिसर्च ने शनिवार रात एक ताजा रिपोर्ट जारी की जिसमें आरोप लगाया गया कि उसे संदेह है कि अदानी समूह के खिलाफ कार्रवाई करने में सेबी की अनिच्छा इसलिए हो सकती है क्योंकि इसके प्रमुख माधबी बुच के पास समूह से जुड़े ऑफशोर फंडों में हिस्सेदारी थी।
सेबी प्रमुख ने अभी तक इस्तीफा क्यों नहीं दिया?
राहुल गांधी ने एक्स पर पोस्ट किए गए एक वीडियो संदेश में कहा, “छोटे खुदरा निवेशकों की संपत्ति की सुरक्षा के लिए जिम्मेदार प्रतिभूति नियामक सेबी की अखंडता से उसके अध्यक्ष के खिलाफ आरोपों से गंभीर समझौता हुआ है।” कांग्रेस नेता ने यह भी कहा कि देशभर के निवेशक जानना चाहते हैं कि सेबी चेयरपर्सन ने अभी तक इस्तीफा क्यों नहीं दिया?
कौन होगा जिम्मेदार- मोदी, सेबी या अडानी
उन्होंने कहा, “देश भर के ईमानदार निवेशकों के पास सरकार से महत्वपूर्ण सवाल हैं: सेबी अध्यक्ष माधवी पुरी बुच ने अभी तक इस्तीफा क्यों नहीं दिया? यदि निवेशक अपनी मेहनत की कमाई खो देते हैं, तो किसे जवाबदेह ठहराया जाएगा- पीएम मोदी, सेबी अध्यक्ष या गौतम अडानी। सामने आए नए और बहुत गंभीर आरोपों के आलोक में क्या सुप्रीम कोर्ट इस मामले को एक बार फिर स्वत: संज्ञान में लेगा?”