ओलंपिक कांस्य पदक विजेता सरबजोत सिंह ने सरकारी नौकरी ठुकराने का फैसला क्यों किया?

सरबजोत सिंह ने सरकारी नौकरी ठुकराने का फैसला क्यों किया?

नई दिल्ली। भारत के निशानेबाज सरबजोत सिंह ने खुलासा किया है कि उन्होंने पेरिस ओलंपिक 2024 में कांस्य पदक जीतने के बाद सरकारी नौकरी के प्रस्ताव को अस्वीकार करने का फैसला किया। सरबजोत ने मनु भाकर के साथ साझेदारी की थी और इस जोड़ी ने 10 मीटर एयर पिस्टल मिश्रित टीम में तीसरा स्थान हासिल किया था। 22 वर्षीय खिलाड़ी भी व्यक्तिगत स्पर्धा के पदक दौर में जगह बनाने के करीब पहुंच गया और मामूली अंतर से चूक गया।

मिश्रित टीम स्पर्धा में कांस्य पदक जीतनेवाले सरबजोत के प्रदर्शन की प्रशंसकों और आलोचकों ने प्रशंसा की। पेरिस से वापस घर लौटने के बाद हरियाणा सरकार ने उन्हें सराहना के प्रतीक के रूप में नौकरी देने का फैसला किया। हालांकि, सरबजोत ने इसे विनम्रतापूर्वक अस्वीकार करने का निर्णय लिया। निशानेबाज ने संवाददाताओं से कहा कि वह अब इसे नहीं लेंगे क्योंकि वह निशानेबाजी पर ध्यान केंद्रित करना चाहते हैं। सरबजोत ने कहा कि वह अभी अपने द्वारा लिए गए फैसलों के खिलाफ नहीं जाना चाहते।

सरबजोत ने संवाददाताओं से कहा, “नौकरी अच्छी है, लेकिन मैं इसे अभी नहीं लूंगा। मैं पहले अपनी शूटिंग पर ध्यान देना चाहता हूं।” उन्होंने कहा, “मेरा परिवार भी मुझसे एक अच्छी नौकरी पाने के लिए कह रहा है, लेकिन मैं शूटिंग करना चाहता हूं। मैं अपने द्वारा लिए गए फैसलों के खिलाफ नहीं जाना चाहता, इसलिए मैं अभी नौकरी नहीं कर सकता।”

सरबजोत का 2028 लक्ष्य

शूटिंग के प्रति सरबजोत की प्रतिबद्धता अटूट है। उन्होंने कहा कि उनका मुख्य लक्ष्य अभी तक हासिल नहीं हुआ है। सरबजोत ने कहा कि उनका लक्ष्य 2028 में एलए ओलंपिक में स्वर्ण पदक हासिल करना है।

उन्होंने कहा, “मुझे अभी भी अपना मुख्य लक्ष्य हासिल करना बाकी है। उम्मीद है कि मैं अपना मुख्य लक्ष्य 2028 में पूरा कर लूंगा। मैं अपनी निजी डायरी में लिखता था कि मैं पेरिस में अपना व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ दूंगा। हालांकि, मुझे अभी भी अपना व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ देना बाकी है। सरबजोत ने बताया, “2028 में स्वर्ण पदक पर निशाना लगाना चाहता हूं।”

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