‘मैंने ही रुकवाई भारत-पाकिस्तान के बीच युद्ध, लेकिन नहीं मिलेगा नोबेल पुरस्कार’, डोनाल्ड ट्रंप का दावा

वाशिंगटन। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर दावा किया है कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध को रोककर 2026 के नोबेल शांति पुरस्कार के लिए अपनी दावेदारी मजबूत की। ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रुथ सोशल पर एक लंबे पोस्ट में कहा कि उन्होंने भारत-पाकिस्तान संघर्ष को रोकने के साथ-साथ रवांडा-कांगो, सर्बिया-कोसोवो और मिस्र-इथियोपिया जैसे वैश्विक विवादों को सुलझाने में अहम भूमिका निभाई।

उन्होंने लिखा, “मुझे नोबेल शांति पुरस्कार नहीं मिलेगा, चाहे मैं कुछ भी करूं, लेकिन लोगों को सच पता है।” यह दावा तब आया जब पाकिस्तान ने औपचारिक रूप से ट्रंप को 2026 के नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामित किया, जिसमें उनकी कथित मध्यस्थता को भारत-पाकिस्तान के मई 2025 के सैन्य तनाव को रोकने का श्रेय दिया गया।

भारत ने दोहराया कि संघर्ष विराम दो देशों की सहमति पर

हालांकि, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में 35 मिनट की फोन कॉल में ट्रंप को स्पष्ट किया था कि भारत और पाकिस्तान के बीच युद्धविराम द्विपक्षीय सैन्य संवाद के जरिए हुआ, जिसमें अमेरिका की कोई भूमिका नहीं थी। भारत ने बार-बार कहा कि यह युद्धविराम पाकिस्तान के अनुरोध पर हुआ, न कि किसी बाहरी मध्यस्थता से।

पहलगाम हमले में मारे गए थे 26 लोग

यह विवाद 22 अप्रैल, 2025 को पहलगाम आतंकी हमले के बाद शुरू हुआ, जिसमें 26 लोग मारे गए। इसके जवाब में भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ शुरू किया, जिसमें पाकिस्तान और PoK में नौ आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया गया। पाकिस्तान ने जवाबी हमले किए, लेकिन भारत ने दावा किया कि उसने इन हमलों को नाकाम कर दिया। ट्रंप ने दावा किया कि उनकी कूटनीति और व्यापारिक दबाव ने युद्ध को रोका, लेकिन भारत के विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने साफ किया कि कोई व्यापारिक चर्चा या मध्यस्थता नहीं हुई।

कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने ट्रंप के दावों को ‘झूठा’ करार देते हुए मोदी से इस पर जवाब मांगा। इस बीच, पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर की ट्रंप से मुलाकात ने इस विवाद को और हवा दी। यह मामला भारत-अमेरिका संबंधों में तनाव का कारण बन सकता है।

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