26/11 हमले के साजिशकर्ता तहव्वुर राणा को अमेरिका से लाया जा रहा है भारत, NIA लेगी हिरासत में

नई दिल्ली। नई दिल्ली। 26/11 मुंबई हमलों के मास्टरमाइंड तहव्वुर राणा की भारत प्रत्यर्पण की प्रक्रिया आखिरकार पूरी होने जा रही है। इंडिया टुडे की एक रिपोर्ट के अनुसार, संयुक्त राज्य अमेरिका से एक विशेष भारतीय टीम, जिसमें खुफिया और जांच एजेंसी के अधिकारी शामिल हैं, तहव्वुर राणा को भारत लाने के लिए अमेरिका पहुंच चुकी है।

सूत्रों के मुताबिक, राणा को 10 अप्रैल 2025 की सुबह भारत लाया जाएगा। अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने पिछले सप्ताह राणा के प्रत्यर्पण पर रोक की याचिका खारिज कर दी थी, जिसके बाद यह कदम उठाया गया है। राणा एक पाकिस्तानी मूल का कनाडाई नागरिक है। उस पर 2008 के मुंबई आतंकी हमलों में शामिल होने का आरोप है, जिसमें 170 से अधिक लोगों की मौत हुई थी।

राणा को एनआईए लेगी हिरासत में

रिपोर्ट के अनुसार, भारत पहुंचने पर राणा को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की हिरासत में लिया जाएगा, जहां शुरुआती हफ्तों तक उससे पूछताछ और जांच की जाएगी। इस ऑपरेशन की निगरानी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल कर रहे हैं, साथ ही एनआईए और गृह मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी भी इसमें शामिल हैं। अमेरिकी अदालत की सिफारिशों के अनुसार, दिल्ली और मुंबई की दो जेलों में गोपनीय और उच्च सुरक्षा व्यवस्था की गई है। राणा को लेकर भारत सरकार ने जून 2020 में औपचारिक रूप से उसकी गिरफ्तारी और प्रत्यर्पण की मांग की थी, जिसके बाद यह लंबी कानूनी प्रक्रिया शुरू हुई।

राणा हमलों से पहले खुद किया था मुंबई का दौरा

राणा पर आरोप है कि उसने मुंबई हमलों से पहले नवंबर 2008 में खुद मुंबई का दौरा किया था और हमले की तैयारियों का जायजा लिया था। उसने अपने सहयोगी डेविड कोलमैन हेडली को पासपोर्ट और अन्य सहायता प्रदान की थी, जो लश्कर-ए-तैयबा के लिए हमले की योजना में शामिल था। 26/11 हमले में केवल एक आतंकी अजमल कसाब जिंदा पकड़ा गया था, जिसे बाद में फांसी दी गई थी। इस प्रत्यर्पण को भारत की कूटनीतिक जीत माना जा रहा है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने फरवरी 2025 में राणा के प्रत्यर्पण की पुष्टि की थी और कहा था कि वह “भारत में न्याय का सामना करेगा।”

यह कदम भारत-अमेरिका संबंधों में बढ़ते सहयोग का प्रतीक है। राणा का प्रत्यर्पण न केवल 26/11 के पीड़ितों के लिए न्याय की दिशा में एक कदम है, बल्कि आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक लड़ाई में भी एक महत्वपूर्ण संदेश देता है। अब सबकी नजर इस बात पर है कि राणा से पूछताछ में क्या नए खुलासे होंगे।

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