नई दिल्ली। रावलपिंडी में बारिश के कारण बांग्लादेश के खिलाफ ग्रुप ए का अंतिम मैच रद्द होने के बाद पाकिस्तान ने घरेलू मैदान पर अपने चैंपियंस ट्रॉफी अभियान को निराशाजनक रूप में समाप्त कर दिया। 2017 के चैंपियन ने ग्रुप ए में अपने अभियान को बिना किसी जीत के समाप्त कर दिया। पाकिस्तान 23 वर्षों में बिना जीत के चैंपियंस ट्रॉफी के टूर्नामेंट से बाहर होने वाली पहली टीम बन गई।
इससे पहले मेजबान होने के बावजूद बांग्लादेश पहली बार आईसीसी नॉकआउट इवेंट का हिस्सा नहीं बना था। केन्या 2000 में अपनी मेजबानी में टूर्नामेंट के प्री-क्वार्टर फाइनल में हार गया था। 2002 में इस टूर्नामेंट को चैंपियंस ट्रॉफी नाम दिया गया था, तब से मेजबान टीमें हमेशा कम से कम एक गेम जीतने में सफल रही हैं। 2006 और 2009 में भारत और दक्षिण अफ्रीका अपने ग्रुप में सबसे नीचे रहे, लेकिन कम से कम एक-एक जीत हासिल करने में सफल रहे थे।
ग्रुप ए में सबसे नीचे रहा पाकिस्तान
पाकिस्तान लगभग तीन दशकों में पहली बार किसी आईसीसी टूर्नामेंट की मेजबानी कर रहा था। वह इसमें एक अंक और निगेटिव नेट रन रेट (-1.087) के साथ बांग्लादेश के बाद ग्रुप ए में सबसे नीचे रहा। ग्रुप ए से भारत और न्यूजीलैंड ने पाकिस्तान और बांग्लादेश को हराकर सेमीफाइनल के लिए क्वालीफाई किया। रावलपिंडी में पाकिस्तान के मैच को देखने के लिए बड़ी संख्या में प्रशंसक पहुंचे थे लेकिन उन्हें निराशा हाथ लगी। लगातार बूंदाबांदी के कारण मैच को रद्द करना पड़ा। अंपायरों और अधिकारियों ने खेल रद्द करने से पहले करीब दो घंटे तक इंतजार किया।
हालांकि मैच के दौरान भारी बारिश नहीं हुई। लगातार बूंदाबांदी के कारण आउटफील्ड पर गड्ढे बन गए। केवल स्क्वायर को ढका गया था और बहुत सारा पानी गिरने के बाद आउटफील्ड पर फिर से मैच कराना मुश्किल हो गया। गुरुवार सुबह से ही शहर में बारिश हो रही थी। दोनों टीमें अपना अधिकांश समय अपने-अपने ड्रेसिंग रूम में बिताया।