नई दिल्ली। भारत के अंतरिक्ष मिशन को लेकर एक और बड़ी सफलता मिली है! इसरो ने अपने महत्वाकांक्षी स्पैडेक्स मिशन के तहत दो उपग्रहों को सफलतापूर्वक अनडॉक कर दिया है। इस मिशन की सफलता के बाद अब चंद्रयान-4 के लिए रास्ता पूरी तरह साफ हो गया है। तो आइए, जानते हैं इस महत्वपूर्ण उपलब्धि के बारे में विस्तार से।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन, यानी ISRO ने अपने SPADEX मिशन के तहत दो उपग्रहों को सफलतापूर्वक डॉक और अनडॉक करने का परीक्षण किया। यह प्रयोग भविष्य के जटिल अंतरिक्ष अभियानों, खासकर चंद्रयान-4 के लिए बेहद अहम साबित होगा।
दो उपग्रहों को अंतरिक्ष में जोड़कर किया गया अलग
SPADEX, यानी स्पेस डॉकिंग एक्सपेरिमेंट, इसरो का एक अहम मिशन था, जिसमें दो उपग्रहों को पहले अंतरिक्ष में जोड़ा गया और फिर उन्हें सफलतापूर्वक अलग किया गया। यह तकनीक उन मिशनों के लिए बेहद जरूरी है, जहां ऑर्बिटर और लैंडर को दोबारा जोड़ने की जरूरत होती है, ठीक वैसे ही जैसे चंद्रयान-4 में होगा।
अंतरिक्ष अभियानों के लिए मील का पत्थर
SPADEX मिशन की सफलता भविष्य के अंतरिक्ष अभियानों के लिए एक मील का पत्थर है। इससे अब चंद्रयान-4 मिशन में भी डॉकिंग तकनीक का उपयोग कर सकते हैं, जो भारत को चंद्रमा से सैंपल लाने में मदद करेगा। चंद्रयान-4 मिशन में भारत पहली बार चंद्रमा से सैंपल वापस लाने की योजना बना रहा है। इसके लिए लैंडर और ऑर्बिटर के बीच सफल डॉकिंग और अनडॉकिंग बेहद जरूरी होगी, जो अब संभव होती दिख रही है।
SPADEX की यह सफलता भारत के गगनयान मिशन और अन्य अंतरिक्ष अभियानों को भी नई दिशा देगी। यह मिशन न सिर्फ भारत की अंतरिक्ष क्षमता को बढ़ाएगा, बल्कि भविष्य में मंगल और चंद्रमा पर स्थायी स्टेशन बनाने की राह भी खोल सकता है।