नई दिल्ली। ऑस्ट्रेलिया के एडिलेड में 19 जुलाई को एक 23 वर्षीय भारतीय छात्र चरणप्रीत सिंह पर पांच लोगों के समूह द्वारा कथित तौर पर नस्लीय हमला किया गया, जिसके बाद वह गंभीर रूप से घायल हो गए। यह घटना किंटोर एवेन्यू के पास रात 9:22 बजे हुई, जब चरणप्रीत अपनी पत्नी के साथ शहर के लाइट डिस्प्ले देखने गए थे। पार्किंग विवाद से शुरू हुआ यह मामला जल्द ही नस्लीय हिंसा में बदल गया। हमलावरों ने चरणप्रीत पर “फ*** ऑफ, इंडियन” जैसे नस्लीय अपशब्दों का इस्तेमाल किया और धातु के हथियारों या नुकीली वस्तुओं से हमला किया।
चरणप्रीत को मस्तिष्क आघात और चेहरे की कई हड्डियों में फ्रैक्चर हुआ। उनकी पत्नी ने हमले का वीडियो रिकॉर्ड किया, जिसमें वह चिल्लाते हुए हमलावरों को रोकने की कोशिश करती दिखीं। वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जिससे भारतीय समुदाय में आक्रोश फैल गया। चरणप्रीत ने बताया, “ऐसी घटनाएं आपको वापस लौटने के लिए मजबूर करती हैं। आप शरीर में कुछ भी बदल सकते हैं, लेकिन रंग नहीं।”
ऑस्ट्रेलियाई पुलिस ने आरोपी शख्स को गिरफ्तार किया
दक्षिण ऑस्ट्रेलिया पुलिस ने 20 जुलाई को एक 20 वर्षीय व्यक्ति को गिरफ्तार किया और उस पर हमले का आरोप लगाया। बाकी हमलावर अभी फरार हैं, और पुलिस सीसीटीवी फुटेज की जांच कर रही है। दक्षिण ऑस्ट्रेलिया के प्रीमियर पीटर मालिनौस्कस ने इस हमले की निंदा की, इसे “पूरी तरह अस्वीकार्य” बताया और कहा कि नस्लीय हिंसा राज्य के मूल्यों के खिलाफ है।
अंतरराष्ट्रीय छात्रों और प्रवासियों की सुरक्षा पर सवाल उठाए
इस घटना ने ऑस्ट्रेलिया में अंतरराष्ट्रीय छात्रों और प्रवासियों की सुरक्षा पर सवाल उठाए हैं। भारतीय समुदाय और सोशल मीडिया पर चरणप्रीत के समर्थन में आवाजें उठ रही हैं, जो नस्लीय हिंसा के खिलाफ कठोर कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। यह घटना हाल ही में आयरलैंड में एक भारतीय पर हुए हमले के बाद भारतीयों पर नस्लीय हमलों की दूसरी बड़ी घटना है।