नई दिल्ली। उत्तराखंड सरकार ने एक हलफनामे में सुप्रीम कोर्ट को बताया कि उसने दवा विज्ञापन कानून के बार-बार उल्लंघन के लिए बाबा रामदेव की दिव्य फार्मेसी और पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड के खिलाफ शिकायत दर्ज करने की अनुमति दे दी है और उनके 14 उत्पादों के लाइसेंस को निलंबित कर दिया है।
अपने हलफनामे में उत्तराखंड सरकार ने बताया कि उसके राज्य लाइसेंसिंग प्राधिकरण ने एक सार्वजनिक नोटिस जारी किया है, जिसमें बताया गया है कि कानून के विपरीत विज्ञापनों के प्रकाशन पर जुर्माना, कारावास या दोनों सहित सख्त अनुशासनात्मक और कानूनी कार्रवाई की जाएगी। इसमें कहा गया है कि उसने दिव्य फार्मेसी और पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड के खिलाफ आपत्तिजनक विज्ञापन अधिनियम, 1954 के तहत शिकायत दर्ज करने के लिए ड्रग इंस्पेक्टर, हरिद्वार को 12 अप्रैल को अनुमति दे दी है।
इन उत्पादों को किया गया बैन
सरकार ने बताया कि पतंजलि के जिन 14 उत्पादों को बैन किया गया है उसमें ‘स्वसारि गोल्ड’, ‘स्वसारि वटी, ब्रोंकोम’, ‘स्वसारि प्रवाही’, ‘स्वसारि अवलेह’, ‘मुक्तावती एक्स्ट्रा पावर’, ‘लिपिडोम’, ‘बीपी ग्रिट’, ‘मधुग्रिट’, ‘मधुनाशिनीवटी एक्स्ट्रा पावर’, ‘लिवमृत एडवांस’, ‘लिवोग्रिट’, ‘आईग्रिट गोल्ड’ और ‘पतंजलि दृष्टि आई ड्रॉप’ शामिल हैं।
सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर कार्रवाई
इसके बाद जिला आयुर्वेदिक और यूनानी अधिकारी, हरिद्वार ने मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, हरिद्वार के समक्ष स्वामी रामदेव, आचार्य बालकृष्ण, दिव्य फार्मेसी और पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड के खिलाफ ड्रग्स एंड मैजिक रेमेडीज (आपत्तिजनक विज्ञापन) की धारा 3, 4 और 7 के तहत एक आपराधिक शिकायत दर्ज की। एसएलए ने कहा कि वह दिव्य फार्मेसी और पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड के खिलाफ कानून में निर्धारित प्रक्रिया और सुप्रीम कोर्ट द्वारा जारी निर्देशों के अनुसार ही कदम उठाना जारी रखेगा।
सभी अधिकारियों को हलफनामे दाखिल करने के आदेश
10 अप्रैल को पारित एक आदेश में शीर्ष अदालत ने राज्य लाइसेंसिंग प्राधिकरण के तत्कालीन संयुक्त निदेशक और 2018 से आज तक जिला आयुर्वेदिक और यूनानी अधिकारी, हरिद्वार का पद संभालने वाले सभी अधिकारियों को अपने संबंधित हलफनामे दाखिल करने और निष्क्रियता को स्पष्ट करने का आदेश दिया था।
बता दें, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने ड्रग्स एंड मैजिक रेमेडीज (आपत्तिजनक विज्ञापन) अधिनियम के उल्लंघन के लिए पतंजलि के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी। इसमें कहा गया था कि पतंजलि ने मधुमेह, हृदय रोग, उच्च या निम्न रक्तचाप सहित कई गंभीर बीमारियों और विकारों के इलाज के लिए फर्जी विज्ञापन दिए गए हैं।