नई दिल्ली। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की जमानत को चुनौती देते हुए सोमवार को सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है। इसमें कहा गया कि सोरेन को जमानत देने का झारखंड उच्च न्यायालय का आदेश अवैध था। अपनी याचिका में, ईडी ने कहा कि उच्च न्यायालय ने यह कहकर “गलती” की है कि झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) प्रमुख के खिलाफ प्रथम दृष्टया कोई मामला नहीं है।
भूमि घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में उच्च न्यायालय द्वारा जमानत दिए जाने के बाद सोरेन 28 जून को रांची की बिरसा मुंडा जेल से बाहर आ गए। उनकी रिहाई के बाद झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और जेएमएम नेता चंपई सोरेन ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। इसके बाद हेमंत सोरेन ने विधानसभा में विश्वास प्रस्ताव पेश किया और विश्वास मत जीतकर दोबारा मुख्यमंत्री बने।
हेमंत सोरेन के समर्थन में 45 विधायक
बता दें, 81 सदस्यीय विधानसभा में हेमंत सोरेन की झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) के नेतृत्व वाले सत्तारूढ़ गठबंधन के 45 विधायक हैं, इनमें जेएमएम-27, कांग्रेस-17 और राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) का 1 विधायक है। भाजपा के नेतृत्व वाले विपक्ष के पास 30 सदस्य हैं। कुछ सदस्यों के लोकसभा के लिए निर्वाचित होने के बाद सदन की कुल सदस्य संख्या घटकर 76 रह गई, जिससे बहुमत का आंकड़ा घटकर 38 रह गया।