सुप्रीम कोर्ट ने अरविंद केजरीवाल को दी जमानत, लेकिन रहना होगा जेल में; जानें क्या है कारण

क्या अरविंद केजरीवाल की ईडी द्वारा गिरफ्तारी वैध है?

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को आबकारी नीति मामले में अंतरिम जमानत दे दी। वहीं सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि AAP सुप्रीमो को बेवजह 90 दिनों तक जेल में रहना पड़ा। हालांकि, केजरीवाल तिहाड़ जेल में ही रहेंगे क्योंकि उन्हें कथित शराब नीति घोटाले से संबंधित भ्रष्टाचार के मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने भी गिरफ्तार किया था। कोर्ट ने उन्हें ईडी मामले में जमानत दी है।

बता दें, सुप्रीम कोर्ट की दो जजों जस्टिस संजीव खन्ना और दीपांकर दत्ता की बेंच ने 17 मई को फैसला सुरक्षित रख लिया था। इस पर आज फैसला सुना दिया गया।

पिछली सुनवाई के दौरान शीर्ष अदालत ने ईडी से फाइलें जमा करने को कहा था। कोर्ट ने तब कहा था, “हम मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी के बाद उन्हें जमानत देने से इनकार करने वाले फैसले और केजरीवाल की गिरफ्तारी से पहले दर्ज किए गए गवाहों के बयान देखना चाहते हैं।” अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने शीर्ष अदालत को बताया कि हवाला लेनदेन के संबंध में और सबूत मिले हैं और व्हाट्सएप चैट का भी खुलासा हुआ है।

सुप्रीम कोर्ट ने ईडी से पूछे थे सवाल

इस पर पीठ ने पूछा कि क्या इनका जिक्र लिखित रूप से दर्ज है और दिल्ली के मुख्यमंत्री को दिए गए गिरफ्तारी के आधार में यह बताया गया है या नहीं? इसके जवाब में राजू ने कहा, “जांच एजेंसी को आरोपी के साथ हर बात साझा नहीं करनी चाहिए।” इस पर पीठ ने पूछा, “आप विश्वास करने के कारण कैसे नहीं बताएंगे? वह उन कारणों को कैसे चुनौती देंगे?”

इस बीच, ईडी ने दिल्ली शराब नीति मामले में एक आरोप पत्र दायर किया है, जो सीधे तौर पर नीति के बदले पार्टी को 100 करोड़ रुपये की रिश्वत लेने में अरविंद केजरीवाल की संलिप्तता का संकेत देता है।

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