चंडीगढ़। हरियाणा के कैथल जिले के खेड़ी गुलाम अली गांव के निवासी और भाजपा कार्यकर्ता रामपाल कश्यप की 14 साल की तपस्या आखिरकार पूरी हो गई। सोमवार (14 अप्रैल 2025) को बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर की जयंती के अवसर पर यमुनानगर के गांव केल में आयोजित एक कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रामपाल को अपने हाथों से जूते पहनाए।
रामपाल ने 2011 में संकल्प लिया था कि जब तक नरेंद्र मोदी भारत के प्रधानमंत्री नहीं बन जाते और उनसे उनकी मुलाकात नहीं हो जाती, तब तक वे नंगे पांव रहेंगे। इस संकल्प को पूरा करने में 14 साल लग गए, लेकिन रामपाल ने धैर्य नहीं खोया।
मेरा सबसे बड़ा सपना हुआ सच: रामपाल
रामपाल ने इस मुलाकात को अपने जीवन का सबसे बड़ा ऐतिहासिक पल बताया। उन्होंने कहा, “मैं बता नहीं सकता कि मैं कितना खुश हूं। मेरा सबसे बड़ा सपना आज सच हो गया। मैंने 14 साल तक नंगे पांव रहकर यह तपस्या की थी।” रामपाल ने बताया कि जब वे पीएम मोदी के समक्ष पहुंचे, तो उनकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा। पीएम ने आत्मीयता से उनसे बात की, उनके परिवार, रोजगार और बच्चों के बारे में विस्तार से पूछा, और उनके त्याग की सराहना करते हुए उनकी पीठ थपथपाई। पीएम ने उन्हें भविष्य में ऐसा कष्ट न करने की सलाह भी दी।
रामपाल ने सीएम नायब सैनी की भी की तारीफ
रामपाल ने कहा कि भाजपा एकमात्र ऐसी पार्टी है जहां कार्यकर्ता को सर्वोच्च सम्मान दिया जाता है। उन्होंने हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी का उदाहरण देते हुए कहा कि एक आम किसान परिवार से आने वाले व्यक्ति को इतना बड़ा पद मिलना भाजपा की कार्यकर्ता-केंद्रित नीति को दर्शाता है। रामपाल मजदूरी करके अपने परिवार का भरण-पोषण करते हैं। उनके दो बेटे टैक्सी चालक हैं, एक बेटी पढ़ाई कर रही है, और बड़े बेटे की शादी हो चुकी है। वे पिछले 40 साल से भाजपा से जुड़े हैं और पन्ना प्रमुख व बूथ अध्यक्ष जैसे पदों पर काम कर चुके हैं।
पीएम मोदी ने भी रामपाल से मुलाकात का जिक्र सोशल मीडिया पर किया
पीएम मोदी ने इस मुलाकात का वीडियो सोशल मीडिया पर साझा करते हुए लिखा, “रामपाल जैसे कार्यकर्ताओं की भावनाओं का सम्मान करता हूं, लेकिन मेरा आग्रह है कि वे सामाजिक और देशहित के कार्यों के लिए प्रण लें।” इस घटना के बाद रामपाल की तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गए, और भाजपा के वरिष्ठ नेताओं ने भी उनसे मुलाकात कर तस्वीरें साझा कीं। यह घटना एक कार्यकर्ता के समर्पण और आस्था की मिसाल बन गई।