पैन कार्ड के बाद अब वोटर आईडी कार्ड को आधार से लिंक करने की तैयारी, आखिर क्या है इसके पीछे की मंशा

नई दिल्ली। भारत में सरकारी दस्तावेजों को एकीकृत करने के प्रयास के तहत पैन कार्ड के बाद अब मतदाता पहचान पत्र (वोटर आईडी) को आधार कार्ड से जोड़ने की प्रक्रिया पर जोर दिया जा रहा है। इस संदर्भ में, 18 मार्च 2025 को मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) ज्ञानेश कुमार ने केंद्रीय गृह मंत्रालय, विधि विभाग और भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) के अधिकारियों के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की।

बैठक के मुख्य बिंदु

– तकनीकी परामर्श: चुनाव आयोग और यूआईडीएआई के विशेषज्ञ जल्द ही मतदाता पहचान पत्र को आधार से जोड़ने के लिए तकनीकी परामर्श शुरू करेंगे। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि यह प्रक्रिया संविधान के अनुच्छेद 326, जन प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 की धारा 23(4), 23(5) और 23(6) के प्रावधानों के अनुसार और सर्वोच्च न्यायालय के निर्णयों के अनुरूप हो।

– कानूनी परामर्श: आधार को वोटर आईडी से जोड़ने के लिए कानून में आवश्यक संशोधनों पर विचार-विमर्श किया गया। अधिकारियों ने बताया कि इस प्रक्रिया से पहले यूआईडीएआई और कानून मंत्रालय से व्यापक परामर्श किया गया था।

लिंकिंग का उद्देश्य

वोटर आईडी को आधार से जोड़ने का मुख्य उद्देश्य मतदाता सूचियों में डुप्लिकेट और फर्जी प्रविष्टियों को समाप्त करना है, जिससे चुनाव प्रक्रिया की पारदर्शिता और विश्वसनीयता में वृद्धि हो सके। यह कदम यह सुनिश्चित करेगा कि केवल पात्र नागरिक ही मतदान कर सकें, जिससे चुनावी प्रक्रिया में सुधार होगा।

स्वैच्छिक प्रक्रिया

चुनाव आयोग ने स्पष्ट किया है कि मतदाता पहचान पत्र को आधार से जोड़ना अनिवार्य नहीं है, बल्कि यह एक स्वैच्छिक प्रक्रिया होगी। मतदाता फॉर्म 6-बी के माध्यम से अपने आधार नंबर को प्रदान कर सकते हैं, लेकिन यह आवश्यक नहीं है।

आगे की योजना

बैठक में यह निर्णय लिया गया कि तकनीकी विशेषज्ञों के परामर्श के बाद ही यह निर्धारित किया जाएगा कि वोटर आईडी को आधार से कैसे जोड़ा जाए। इस प्रक्रिया में सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का पालन सुनिश्चित किया जाएगा, ताकि नागरिकों की गोपनीयता और संवैधानिक अधिकारों का संरक्षण हो सके।

पैन कार्ड के बाद अब वोटर आईडी को आधार से जोड़ने की यह पहल सरकार की एक महत्वपूर्ण कदम है, जिसका उद्देश्य चुनाव प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी और विश्वसनीय बनाना है। हालांकि, इस प्रक्रिया में नागरिकों की गोपनीयता और संवैधानिक अधिकारों का पूरा ध्यान रखा जाएगा, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि यह कदम लोकतांत्रिक मूल्यों के अनुरूप हो।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *