पवन चोपड़ा, चंडीगढ़। हरियाणा कांग्रेस में शैलजा को लेकर पिछले कई दिनों से चल रही राजनीतिक उठा पटक पर जहां दो दिन पूर्व ही शैलजा ने अपने पिता की तरह खुद भी उसके झंडे में लिपट कर इस दुनिया से रुखसत होने का बयान देकर इस पूरे मामले का पटाक्षेप कर दिया। वहीं आज राहुल गांधी असंध और बरवाला की रैलियों में हुड्डा और शैलजा दोनों एक मंच पर नजर आए। इसके बाद इस पूरे मामले पर पूर्ण विराम लग गया है।
राहुल गांधी द्वारा जहां शैलजा की नाराजगी दूर करने के लिए सबसे पहले उनके चहते विधायक शमशेर जोगी के विधानसभा चुनाव क्षेत्र से शुरुआत की। इस दौरान राहुल गांधी ने भाजपा पर हमला बोलते हुए कहा कि मौजूदा भाजपा के 10 सालों के शासन में सैकड़ो की संख्या में किसानों ने अपने प्राणों की आहुति दे दी है। वहीं मौजूदा समय में भी प्रदेश का किसान फसलों को एम एसपी लेने के लिए सड़कों पर संघर्ष करने का मजबूर हैं। उन्होंने प्रदेश के किसानों को आश्वस्त किया कि अगर प्रदेश में कांग्रेस की सरकार आती है तो एमएसपी गारंटी कानून लागू किया जाएगा। इसके अलावा प्रदेश में बढ़ रहे बेरोजगारी, भ्रष्टाचार, क्राइम और विदेशी पलायन को लेकर भी उन्होंने भाजपा पर करारे प्रहार किए।
जाति सूचक टिप्पणी से कोप भवन में गईं थी शैलजा
बता दें कि पिछले दिनों नारनौंद में एक कांग्रेस कार्यकर्ता द्वारा कुमारी शैलजा पर जाति सूचक टिप्पणी किए जाने से शैलजा नाराज होकर कोप भवन में चली गई थी। हालांकि कई दिनों बाद पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा द्वारा इसको लेकर उक्त कार्यकर्ता को करारी फटकार लगाते हुए ऐसे किसी भी नेता और कार्यकर्ता की पार्टी में कोई जगह नहीं है। शैलजा को अपनी बहन और पार्टी की वरिष्ठ सम्मानित नेता बताया था। इसके बाद से ही भाजपा का राष्ट्रीय नेतृत्व और प्रदेश नेतृत्व जहां शैलजा पर भाजपा में आने के लिए डोरे डालने लगा था।
बीजेपी 22 प्रतिशत दलित वोट बैंक को साधने में लगी थी
वहीं इसके बहाने लगभग 22% दलित वोट बैंक साथ-साथ उसके समर्थकों को भी साधने में लगा था। उल्लेखनीय है कि प्रदेश में जहां 17 विधानसभा सीटें दलित समुदाय के लिए आरक्षित हैं। इसके अलावा सिरसा हिसार फतेहाबाद में अंबाला यमुनानगर जिला में भी शैलजा का विशेष प्रभाव है, क्योंकि वे केंद्र में दो बार मंत्री रह चुकी हैं। वहीं अंबाला व सिरसा लोकसभा से सांसद रह चुकी हैं। जबकि मौजूदा समय में वह सिरसा लोकसभा से सांसद है। ऐसे में अगर शैलजा की नाराजगी दूर नहीं की जाती तो भाजपा की हैट्रिक की मुश्किल दिख रही राह बिल्कुल ही आसान हो जाती। वहीं शैलजा द्वारा सिरसा लोकसभा चुनाव में प्रचार को लेकर भी कार्यक्रमों की सारणी जारी कर दी गई है।