हरियाणा की BJP सरकार पर गहराया संकट, तीन निर्दलीय विधायकों ने लिया समर्थन वापस; कांग्रेस के पाले में पहुंचे

हरियाणा की BJP सरकार पर गहराया संकट

नई दिल्ली। हरियाणा में भाजपा को झटका लगा है। तीन निर्दलीय विधायकों ने भाजपा से समर्थन वापस ले लिया है। हरियाणा में उन्होंने कांग्रेस में को बाहर से समर्थन का ऐलान किया है। साथ ही आने वाले विधानसभा चुनाव में भी कांग्रेस के साथ रहने की बात कही। तीन विधायक रोहतक पहुंचे हैं। यहां उन्होंने नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस की है। वहीं एक और निर्दलीय विधायक के समर्थन वापस लेने की चर्चा है।

नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा और कांग्रेस अध्यक्ष उदयभान भी प्रेस वार्ता में मौजूद हैं। विधायकों ने नायब सिंह सैनी के नेतृत्व में चल रही हरियाणा सरकार से अपना समर्थन वापस लेते हुए महंगाई बढ़ने और बेरोजगारी का मुद्दा उठाया है। विधायकों ने समर्थन वापस लेकर नायब सिंह सैनी सरकार को संकट में डाल दिया है। कुछ दिन पहले ही भाजपा सरकार ने बहुतम साबित किया था।

ये तीन विधायक कांग्रेस के पाले में

प्रदेश कांग्रेस प्रमुख उदय भान ने कहा, “तीन निर्दलीय विधायकों- सोमबीर सांगवान, रणधीर सिंह गोलेन और धर्मपाल गोंदर ने भाजपा सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया है और कांग्रेस को अपना समर्थन दिया है।”

क्या है सीटों का समीकरण

बता दें, नायब सिंह सैनी करनाल सीट से उपचुनाव लड़ रहे हैं। अगर वह चुनाव जीत जाते हैं तो यह आंकड़ा 44 हो जाएगा, लेकिन फिर बहुमत की संख्या बढ़कर 45 हो जाएगी जो कि सरकार के पास नही है। वर्तमान परिस्थितियों में विधानसभा के सदस्यों की संख्या 88 है। वहीं सरकार के पास अभी 43 विधायकों का समर्थन है। यानी सरकार अल्पमत में है। हरियाणा में कांग्रेस पार्टी के पास 30 विधायक, जननायक जनता पार्टी के 10 विधायक हैं। बीजेपी के 40 विधायक हैं, जबकि निर्दलीयों की संख्या 7 से 6 हो चुकी है क्योंकि रणजीत चौटाला इस्तीफा दे चुके हैं। एक इंडियन नेशनल लोक दल के विधायक अभय चौटाला हैं।

हरियाणा सरकार अल्पमत में: दीपेंद्र हुड्डा

रोहतक लोकसभा सीट से कांग्रेस उम्मीदवार दीपेंद्र सिंह हुडा ने कहा, “प्रदेश में हालात भाजपा के खिलाफ बन गए हैं। बदलाव निश्चित है। भाजपा सरकार अल्पमत में आ गई है। इन्होंने 48 विधायकों की सूची दी है, उनमें से कुछ विधायकों के इस्तीफे हुए हैं क्योंकि वे लोकसभा का चुनाव लड़ रहे हैं। कुछ निर्दलीय विधायकों ने आज भाजपा से समर्थन वापस लेकर कांग्रेस को समर्थन देने का काम किया।”

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