कनाडा के PM ने 28 अप्रैल को आम चुनाव की घोषणा की, ट्रम्प के ‘अनुचित’ टैरिफ का मुकाबला करने का किया आह्वान

नई दिल्ली। कनाडा के नए प्रधानमंत्री मार्क कार्नी ने रविवार को 28 अप्रैल के लिए अचानक आम चुनावों की घोषणा की। यह फैसला उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा लगाए गए ‘अनुचित’ व्यापारिक शुल्कों और देश की संप्रभुता पर बढ़ते खतरे के जवाब में लिया। कार्नी ने कहा कि उन्हें इस संकट से निपटने के लिए कनाडाई जनता से मजबूत जनादेश की जरूरत है।

यह घोषणा ओटावा में गवर्नर जनरल मैरी साइमन से मुलाकात के बाद की गई, जहां उन्होंने संसद को भंग करने और चुनाव कराने का अनुरोध किया, जिसे स्वीकार कर लिया गया। अगला निर्धारित चुनाव 20 अक्टूबर को होना था, लेकिन कार्नी ने अपनी लिबरल पार्टी की हालिया लोकप्रियता का फायदा उठाने के लिए यह कदम उठाया।

कनाडा को अमेरिका का 51वां राज्य नहीं बनने देंगे: कार्नी

कार्नी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “हम अपने जीवन के सबसे बड़े संकट का सामना कर रहे हैं, जो ट्रंप के अनुचित व्यापारिक कदमों और हमारी संप्रभुता पर उनके हमलों के कारण है।” उन्होंने ट्रंप पर कनाडा को “अमेरिका का 51वां राज्य” बनाने की कोशिश का आरोप लगाया और कहा, “हम ऐसा नहीं होने देंगे।”

कार्नी ने जोर देकर कहा कि कनाडा को इस चुनौती से निपटने के लिए एकजुट और मजबूत नेतृत्व चाहिए। जनमत सर्वेक्षणों में लिबरल पार्टी की स्थिति में उल्लेखनीय सुधार हुआ है, जो जनवरी में ट्रंप की धमकियों और ट्रूडो के इस्तीफे के बाद से देखा जा रहा है। कार्नी इस महीने की शुरुआत में जस्टिन ट्रूडो के इस्तीफे के बाद लिबरल पार्टी के नेता चुने गए थे।

कनाडा की प्रमुख पार्टियां चुनावी मोड में

चुनाव की घोषणा के साथ ही कनाडा की प्रमुख पार्टियां अभियान मोड में आ गई हैं। कार्नी का मुकाबला कंजर्वेटिव पार्टी के नेता पियरे पोइलिवरे, ब्लॉक क्यूबेक्वा के यवेस-फ्रांस्वा ब्लांचेट और न्यू डेमोक्रेटिक पार्टी के जगमीत सिंह से होगा। कंजर्वेटिव्स ने कार्नी पर ट्रूडो सरकार की उच्च खर्च नीतियों को जारी रखने का आरोप लगाया है, जबकि कार्नी ने खुद को कारोबार समर्थक और कार्रवाई-उन्मुख नेता के रूप में पेश किया। उन्होंने मध्यम वर्ग के लिए कर कटौती और आवास आपूर्ति बढ़ाने जैसे वादे किए हैं।

ट्रंप ने कनाडा से आयातित स्टील और एल्युमीनियम पर बढ़ाया टैक्स

ट्रंप ने हाल ही में कनाडा से आयातित स्टील और एल्यूमीनियम पर 25% शुल्क लगाया था, जिसके जवाब में कनाडा ने 21 बिलियन डॉलर के प्रतिशोधी शुल्क लगाए। यह व्यापारिक युद्ध और ट्रंप की धमकियां चुनाव का मुख्य मुद्दा बनने की संभावना है। कार्नी ने कहा, “कनाडाई लोगों को यह चुनने का मौका मिलना चाहिए कि इस महत्वपूर्ण समय में देश का नेतृत्व कौन करे।” पांच सप्ताह के अभियान में कार्नी को अपनी पार्टी की बढ़त को बनाए रखने की चुनौती होगी।

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