नई दिल्ली। इजराइल ने गाजा पट्टी में मंगलवार, 18 मार्च 2025 को भीषण हवाई हमले किए, जिसमें कम से कम 200 लोगों की मौत हो गई। यह हमला जनवरी में लागू हुए युद्धविराम के बाद का सबसे बड़ा हवाई हमला था। इज़राइली सेना ने गाजा सिटी, दीर अल-बलाह, खान युनिस और रफ़ाह में हमले किए, जिससे बड़े पैमाने पर तबाही हुई।
बड़ी संख्या में बच्चों की मौत
फिलिस्तीनी स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, हताहतों में बड़ी संख्या में बच्चे शामिल हैं। रिहायशी इलाकों में हमले होने के कारण विस्थापित परिवारों को भारी नुकसान उठाना पड़ा। गाजा के अस्पतालों में घायलों की भीड़ उमड़ पड़ी, जबकि पहले से जर्जर स्वास्थ्य व्यवस्था चरमरा गई।
व्हाइट हाउस का समर्थन
हमलों के दौरान व्हाइट हाउस ने पुष्टि की कि इज़राइल ने इस कार्रवाई से पहले ट्रंप प्रशासन से सलाह ली थी। व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरोलीन लेविट ने फॉक्स न्यूज के कार्यक्रम में कहा, “इज़राइल ने गाज़ा में हमले से पहले ट्रंप प्रशासन से परामर्श किया था।”
उन्होंने यह भी कहा कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हमास और ईरान समर्थित हूती विद्रोहियों को चेतावनी दी थी कि आतंकवाद के किसी भी कृत्य की भारी कीमत चुकानी होगी।
बंधक संकट और असफल वार्ता
इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के कार्यालय ने कहा कि यह हमला हमास द्वारा बंधकों को रिहा न करने के कारण किया गया। गाज़ा में अब भी 59 इजराइली बंधक हैं, जिनकी रिहाई को लेकर मिस्र, कतर और अमेरिका की मध्यस्थता में वार्ता चल रही थी, लेकिन हमास की कथित हठधर्मिता के कारण वार्ता विफल रही। हमास ने इजराइल पर युद्धविराम तोड़ने का आरोप लगाया और चेतावनी दी कि यह हिंसा नियंत्रण से बाहर हो सकती है।
जनवरी युद्धविराम: टूटा समझौता
जनवरी 19 को हुए युद्धविराम समझौते के तहत हमास ने 33 इज़राइली और 5 थाई बंधकों को रिहा किया था, जबकि इज़राइल ने करीब 2,000 फिलिस्तीनी कैदियों को छोड़ा था। हालांकि, इसके बाद दोनों पक्षों के बीच तनाव बढ़ता गया।
गाजा में विनाश और मानवीय संकट
इजराइली सेना ने दावा किया कि हमलों में हमास के मध्य स्तर के कमांडरों और उनके ठिकानों को निशाना बनाया गया, लेकिन चश्मदीदों और स्थानीय स्वास्थ्य अधिकारियों ने बताया कि रिहायशी इलाकों को निशाना बनाया गया, जिससे कई घर तबाह हो गए। फिलिस्तीनी स्वास्थ्य मंत्रालय ने चेतावनी दी कि गाज़ा के अस्पताल पहले ही संसाधनों की कमी से जूझ रहे थे और अब वे इस तबाही का सामना करने में असमर्थ हैं।
स्थिति गंभीर, आगे और हिंसा की आशंका
इन हमलों के बाद क्षेत्र में तनाव और बढ़ गया है। फिलिस्तीनी अधिकारियों ने इसे ‘युद्धविराम का क्रूर उल्लंघन’ बताया है, जबकि इजराइल ने इसे आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई बताया है। अंतर्राष्ट्रीय समुदाय ने दोनों पक्षों से संयम बरतने और वार्ता बहाल करने की अपील की है।