डोनाल्ड ट्रंप ने फिर किया दावा, कहा- मैंने धमकी देकर भारत-पाकिस्तान के बीच युद्ध को रोका

वाशिंगटन। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने एक बार फिर दावा किया है कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच कथित तौर पर परमाणु युद्ध को सभी व्यापारिक संबंध तोड़ने की धमकी देकर टाल दिया। व्हाइट हाउस में पत्रकारों से बात करते हुए ट्रम्प ने कहा कि उन्होंने अपने वरिष्ठ अधिकारियों को नई दिल्ली और इस्लामाबाद को चेतावनी देने का निर्देश दिया था कि यदि दोनों देश युद्ध जारी रखते हैं, तो अमेरिका उनके साथ सभी व्यापारिक समझौते रद्द कर देगा।

ट्रम्प ने कहा, “मैंने हावर्ड लुटनिक को फोन करने और भारत और पाकिस्तान को बताने के लिए कहा कि यदि वे युद्ध जारी रखते हैं, तो ट्रम्प सभी व्यापारिक समझौते रद्द करना चाहते हैं। दोनों देशों ने वापस फोन किया और फिर लड़ाई रोक दी।” उन्होंने 10 मई को भारत-पाकिस्तान सीमा पर चार दिनों तक ड्रोन और मिसाइल हमलों के बाद समाप्त हुईं शत्रुता का जिक्र किया। ट्रम्प ने कहा, “यह शायद परमाणु युद्ध बन सकता था। हमने यह किया। हमने शानदार काम किया। मुझे नहीं लगता कि इससे पहले किसी राष्ट्रपति ने इतना कुछ किया होगा।”

ट्रम्प ने अन्य जगहों पर भी ऐसी ही रणनीति का हवाला दिया

ट्रम्प ने अन्य जगहों पर भी ऐसी ही रणनीति का हवाला दिया। उन्होंने कहा, “सर्बिया और कोसोवो भी युद्ध की ओर बढ़ रहे थे। मैंने कहा, अगर आप युद्ध करते हैं, तो अमेरिका के साथ कोई व्यापार नहीं होगा। भारत और पाकिस्तान के साथ भी यही हुआ।” उन्होंने दावा किया कि उन्होंने ट्रेजरी सचिव स्कॉट बेसेन्ट और वाणिज्य सचिव हावर्ड लुटनिक को दोनों देशों के साथ सभी व्यापारिक समझौते रद्द करने का निर्देश दिया।

अल्टीमेटम ने दोनों पक्षों को पीछे हटने पर मजबूर किया

उनके अनुसार, इस अल्टीमेटम ने दोनों पक्षों को पीछे हटने पर मजबूर किया। ट्रम्प ने कहा, “उन्होंने वापस फोन किया और पूछा, ‘हम क्या करें?’ मैंने कहा, ‘आप अमेरिका के साथ व्यापार करना चाहते हैं या एक-दूसरे पर परमाणु हथियारों का उपयोग करना चाहते हैं? हम यह अनुमति नहीं देंगे।’ दोनों सहमत हो गए। दोनों देशों के पास महान नेता हैं।”

हालांकि, भारत ने ट्रम्प के दावों को खारिज किया है। विदेश सचिव विक्रम मिश्री ने कहा कि भारत और अमेरिका के बीच बातचीत में व्यापार का कोई जिक्र नहीं हुआ। युद्धविराम दोनों देशों के सैन्य संचालन महानिदेशकों (DGMOs) के बीच सीधी बातचीत से हुआ।

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