नई दिल्ली। म्यांमार और थाईलैंड में 28 मार्च 2025 को आए दो भीषण भूकंपों ने पूरे क्षेत्र में हड़कंप मचा दिया। पहला भूकंप 7.7 तीव्रता का था, जिसका केंद्र म्यांमार के सागाइंग क्षेत्र के पास 10 किलोमीटर की गहराई पर था, जबकि दूसरा 6.4 तीव्रता का था। इन भूकंपों के झटके थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक तक महसूस किए गए, जो केंद्र से करीब 900 किलोमीटर दूर है।
म्यांमार में मांडले का प्रसिद्ध अवा ब्रिज इरावदी नदी में ढह गया, और कई इमारतें क्षतिग्रस्त हो गईं। बैंकॉक में एक ऊंची इमारत के ढहने की खबर है, जिसमें 43 मजदूर फंस गए थे। सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में लोग डर से सड़कों पर भागते और इमारतों के हिलते हुए दृश्य दिखाई दिए।
पीएम मोदी ने एक्स पर पोस्ट कर जाहिर की संवेदना
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस आपदा पर गहरी चिंता जताई और भारत की ओर से हर संभव सहायता की पेशकश की। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा, “म्यांमार और थाईलैंड में भूकंप के बाद की स्थिति से चिंतित हूं। सभी की सुरक्षा और कल्याण के लिए प्रार्थना करता हूं। भारत हर संभव मदद के लिए तैयार है। इसके लिए अधिकारियों को स्टैंडबाय पर रहने और विदेश मंत्रालय को दोनों देशों की सरकारों के संपर्क में रहने को कहा है।” भारत की यह प्रतिक्रिया उसकी पड़ोसी देशों के प्रति ‘नेबरहुड फर्स्ट’ नीति को दर्शाती है।
बैंकॉक में आपातकाल की घोषणा
भूकंप का असर म्यांमार और थाईलैंड के अलावा दक्षिण-पश्चिम चीन के युन्नान प्रांत तक महसूस किया गया। बैंकॉक में आपातकाल घोषित कर दिया गया, और थाईलैंड की प्रधानमंत्री पेतोंगतार्न शिनावात्रा ने फुकेत की अपनी यात्रा रद्द कर एक आपात बैठक बुलाई। म्यांमार में सागाइंग फॉल्ट के पास भूकंप आम हैं, लेकिन इस बार की तीव्रता ने बड़े पैमाने पर नुकसान की आशंका बढ़ा दी है। अभी तक हताहतों की संख्या की आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन राहत और बचाव कार्य तेजी से शुरू कर दिए गए हैं।
पीएम मोदी अगले महीने थाइलैंड जानेवाले थे
यह घटना ऐसे समय में हुई है, जब पीएम मोदी 3 से 6 अप्रैल तक थाईलैंड और श्रीलंका की यात्रा पर जाने वाले हैं, जहां वे बैंकॉक में बिम्सटेक शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे। इस आपदा के बाद भारत की सहायता और समन्वय की पेशकश दोनों देशों के साथ संबंधों को और मजबूत कर सकती है। विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह की प्राकृतिक आपदाओं में भारत की त्वरित प्रतिक्रिया क्षेत्रीय सहयोग को बढ़ावा देगी।