अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस पत्नी उषा वेंस के साथ कर सकते हैं भारत का दौरा, कई मुद्दों पर चर्चा की संभावना

नई दिल्ली। अमेरिका के उपराष्ट्रपति जेडी वेंस और उनकी पत्नी उषा वेंस इस महीने के अंत में भारत की यात्रा पर आने वाले हैं। यह उपराष्ट्रपति के रूप में वेंस की दूसरी अंतरराष्ट्रीय यात्रा होगी, जबकि उनकी पत्नी उषा वेंस, जो भारतीय मूल की हैं, द्वितीय महिला के रूप में पहली बार अपने पैतृक देश का दौरा करेंगी।

उपराष्ट्रपति वेंस की यह यात्रा अमेरिका और भारत के बीच द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने के उद्देश्य से की जा रही है। हालांकि यात्रा की सटीक तिथियां और कार्यक्रम अभी सार्वजनिक नहीं किए गए हैं, लेकिन यह संभावना है कि इस दौरान दोनों देशों के बीच व्यापार, रक्षा, और सांस्कृतिक सहयोग पर चर्चा होगी।

उषा वेंस की भूमिका

उषा वेंस, जिनके माता-पिता भारत से अमेरिका प्रवासित हुए थे, इस यात्रा में एक विशेष भूमिका निभाएंगी। द्वितीय महिला के रूप में यह उनकी पहली भारत यात्रा होगी, जो दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक संबंधों को और गहरा करने में सहायक हो सकती है।

पिछली विदेश यात्रा

उपराष्ट्रपति वेंस ने अपनी पहली विदेश यात्रा फरवरी में फ्रांस और जर्मनी के लिए की थी, जहां उन्होंने म्यूनिख सुरक्षा सम्मेलन में भाग लिया था। इस दौरान उन्होंने यूरोपीय सरकारों की अवैध प्रवासन, धार्मिक स्वतंत्रता की अनदेखी और चुनाव प्रक्रियाओं पर आलोचना की थी, जिससे सहयोगियों के बीच असंतोष उत्पन्न हुआ था।

वेंस की भारत यात्रा ऐसे समय में हो रही है जब अमेरिका और भारत के बीच व्यापारिक संबंधों में कुछ तनाव देखा गया है। हाल ही में, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दावा किया था कि भारत ने अमेरिकी आयात पर टैरिफ कटौती पर सहमति जताई है, जो उनके प्रशासन के प्रयासों का परिणाम है। इस संदर्भ में, उपराष्ट्रपति वेंस की यात्रा के दौरान टैरिफ और व्यापार से संबंधित मुद्दों पर चर्चा होने की संभावना है।

रूस-यूक्रेन संघर्ष पर संभावित चर्चा

इसके अलावा, रूस-यूक्रेन युद्ध विराम के प्रयासों में भारत की भूमिका पर भी चर्चा हो सकती है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के रूस और यूक्रेन दोनों देशों के नेताओं से अच्छे संबंध हैं, और अमेरिका इस संघर्ष के समाधान में भारत की मध्यस्थता की संभावनाओं को देख सकता है। उपराष्ट्रपति जेडी वेंस और द्वितीय महिला उषा वेंस की आगामी भारत यात्रा दोनों देशों के बीच संबंधों को और मजबूत करने का एक महत्वपूर्ण अवसर है।

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