नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश के बलरामपुर में धर्मांतरण रैकेट के कथित सरगना जलालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा की गिरफ्तारी के बाद एक नया खुलासा हुआ है। इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार, छांगुर बाबा का संबंध राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से संबद्ध एक संगठन से रहा है।
जांचकर्ताओं ने बताया कि उत्तर प्रदेश में पकड़े गए धर्मांतरण रैकेट के कथित मास्टरमाइंड छांगुर बाबा ने अधिकारियों से मुलाकात के दौरान खुद को आरएसएस से संबद्ध संस्था का वरिष्ठ पदाधिकारी बताया। यहां तक कि संगठन के लेटरहेड पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर का भी इस्तेमाल किया।
छांगुर बाबा ने खुद को भारत प्रतिनिधि सेवा संघ का बताया महासचिव
छांगुर बाबा उर्फ जमालुद्दीन को भारत प्रतिनिधि सेवा संघ नामक संगठन का महासचिव (अवध) बनाया गया था, जिसे एक अन्य प्रमुख आरोपी ईदुल इस्लाम चला रहा था। जांचकर्ताओं ने कहा कि संगठन का नाम रणनीतिक रूप से चुना गया था ताकि यह गलत धारणा बने कि यह आरएसएस से जुड़ा हुआ है।
यह दावा जांच एजेंसियों के लिए एक नया मोड़ लाया है, जो पहले से ही उनके 100 करोड़ रुपये से अधिक के अवैध साम्राज्य और विदेशी फंडिंग की जांच कर रही हैं। उत्तर प्रदेश एटीएस और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने छांगुर बाबा और उनकी सहयोगी नीतू उर्फ नसरीन को 5 जुलाई को लखनऊ से गिरफ्तार किया था।
छांगुर बाबा ने 1500 से अधिक हिंदू महिलाओं का किया धर्मांतरण
एटीएस का दावा है कि छांगुर बाबा ने 1,500 से अधिक हिंदू महिलाओं और अन्य गैर-मुस्लिमों को जबरदस्ती या प्रलोभन देकर इस्लाम में धर्मांतरण कराया। जांच में पता चला कि उन्होंने ‘प्रोजेक्ट’ (लक्षित लड़कियां), ‘मिट्टी पलटना’ (धर्मांतरण) और ‘काजल करना’ (मानसिक प्रभाव) जैसे कोडवर्ड्स का इस्तेमाल किया। ईडी ने 18 बैंक खातों में 68 करोड़ रुपये और तीन महीने में 7 करोड़ रुपये की विदेशी फंडिंग का पता लगाया है, जिसमें से 300 करोड़ रुपये नेपाल के रास्ते और 200 करोड़ रुपये आधिकारिक चैनलों से आए।