नई दिल्ली। भारत सरकार ऑपरेशन सिंदूर की सफलता के बाद रक्षा बजट में अतिरिक्त वृद्धि की तैयारी कर रही है। सूत्रों के अनुसार, रक्षा मंत्रालय ने संसद के शीतकालीन सत्र में 50,000 करोड़ रुपये की पूरक बजट मंजूरी का प्रस्ताव रखा है। यह राशि नए हथियारों, गोला-बारूद और उन्नत तकनीक की खरीद के लिए उपयोग की जाएगी, ताकि सशस्त्र बलों की क्षमता को और मजबूत किया जा सके। इस कदम से रक्षा बजट 7 लाख करोड़ रुपये को पार कर सकता है, जो सभी मंत्रालयों में सर्वाधिक होगा।
ऑपरेशन सिंदूर ने भारत की रक्षा क्षमताओं की श्रेष्ठता को प्रदर्शित किया। इस ऑपरेशन में स्वदेशी हथियारों जैसे ब्रह्मोस मिसाइल और आकाशटीर वायु रक्षा प्रणाली ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। भारतीय वायु रक्षा प्रणाली, जिसमें रूसी एस-400, बराक-8, और आकाश प्रणाली शामिल थीं, ने पाकिस्तानी ड्रोन और मिसाइलों को लगभग पूरी तरह निष्प्रभावी कर दिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 12 मई को अपने संबोधन में स्वदेशी हथियारों की विश्वसनीयता की सराहना की और इसे 21वीं सदी के युद्ध के लिए भारत की तैयारियों का प्रतीक बताया।
रक्षा क्षेत्र के लिए 6.81 लाख करोड़ रुपये आवंटित
इस वर्ष के केंद्रीय बजट में रक्षा क्षेत्र के लिए 6.81 लाख करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे, जो पिछले वित्त वर्ष की तुलना में 9.53% अधिक है। पिछले दस वर्षों में रक्षा बजट में लगभग तीन गुना वृद्धि हुई है। 2014-15 में यह 2.29 लाख करोड़ रुपये था, जो अब 13.45% कुल बजट का हिस्सा है। प्रस्तावित अतिरिक्त आवंटन से सशस्त्र बलों की आवश्यकताओं, महत्वपूर्ण खरीद और अनुसंधान व विकास को बढ़ावा मिलेगा।
चीन-पाकिस्तान गठजोड़ के खिलाफ रणनीतिक मजबूती
विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम भारत की आत्मनिर्भर भारत नीति और क्षेत्रीय सुरक्षा चुनौतियों, विशेषकर चीन-पाकिस्तान गठजोड़ के खिलाफ रणनीतिक स्थिति को मजबूत करेगा। सूत्रों का कहना है कि यह अतिरिक्त बजट उन्नत ड्रोन, मिसाइल सिस्टम और वायु रक्षा प्रणालियों की खरीद पर केंद्रित होगा, जो ऑपरेशन सिंदूर में भारत की तकनीकी श्रेष्ठता को और सुदृढ़ करेगा।