नई दिल्ली। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने बुधवार को एक बड़ा फैसला लेते हुए अपने पारस्परिक टैरिफ (Reciprocal tariffs) को 90 दिनों के लिए स्थगित कर दिया। यह घोषणा टैरिफ लागू होने के मात्र 24 घंटे बाद आई, जिसने वैश्विक बाजारों में हलचल मचा दी थी और मंदी की आशंकाओं को बढ़ा दिया था। हालांकि, ट्रम्प ने चीन पर टैरिफ को 104 प्रतिशत से बढ़ाकर 125 प्रतिशत कर दिया, जिससे दोनों देशों के बीच ट्रे़ड वार और गहरा हो गया है।
ट्रम्प ने कहा, “मैंने उन लोगों के लिए 90 दिन का विराम दिया जो जवाबी कार्रवाई नहीं कर रहे थे, क्योंकि मैंने उन्हें बताया था कि अगर वे ऐसा करते हैं, तो हम इसे दोगुना करेंगे।” इस बीच, चीन ने भी जवाबी कार्रवाई करते हुए अमेरिकी सामानों पर 84 प्रतिशत टैरिफ लगा दिया और अंत तक लड़ने की प्रतिज्ञा जताई।
अगले 90 दिनों के लिए 10 प्रतिशत की कम दर लागू
ट्रम्प का यह कदम वैश्विक व्यापार को प्रभावित करने वाला साबित हो सकता है। उन्होंने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रुथ सोशल पर लिखा कि 75 से अधिक देशों ने अमेरिका के साथ व्यापारिक असंतुलन को ठीक करने के लिए बातचीत शुरू की है। इस वजह से उन्होंने टैरिफ में ढील दी और अगले 90 दिनों के लिए 10 प्रतिशत की कम दर लागू की। ट्रम्प ने इसे अपनी लचीलापन दिखाने वाली नीति करार दिया। हालांकि, चीन के खिलाफ सख्त रुख अपनाते हुए उन्होंने कहा कि बीजिंग ने वैश्विक बाजारों के प्रति सम्मान नहीं दिखाया है। व्हाइट हाउस ने भी ट्वीट कर कहा, “प्रतिशोध न करें और आपको इनाम मिलेगा।”
ट्रम्प ने भारत पर 26 प्रतिशत टैरिफ लगाया था
इस फैसले से भारत जैसे देशों को राहत मिली है, क्योंकि ट्रम्प ने भारत पर 26 प्रतिशत टैरिफ लगाया था, लेकिन अब यह 10 प्रतिशत पर आ गया है। भारत सरकार ने इसे सकारात्मक कदम माना और अमेरिका के साथ प्रस्तावित द्विपक्षीय व्यापार समझौते (BTA) को तेज करने की बात कही। वहीं, कनाडा और मैक्सिको पर पहले से लागू 25 प्रतिशत टैरिफ बरकरार रहेगा, जो अमेरिका-मैक्सिको-कनाडा समझौते (USMCA) से जुड़ा है। चीन और अमेरिका के बीच बढ़ता तनाव चिंता का विषय बना हुआ है।
निवेशकों ने टैरिफ युद्ध के कम होने की उम्मीद जताई
विश्व व्यापार संगठन (WTO) ने चेतावनी दी है कि इससे दोनों देशों के बीच व्यापार 80 प्रतिशत तक कम हो सकता है। बाजारों में इस घोषणा के बाद तेजी देखी गई, क्योंकि निवेशकों ने टैरिफ युद्ध के कम होने की उम्मीद जताई। ट्रम्प का यह कदम उनकी अमेरिका को फिर से धनी बनाने की रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है, लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि यह वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए अनिश्चितता पैदा कर सकता है। आने वाले दिनों में इस नीति के प्रभावों पर सबकी नजर रहेगी।