नई दिल्ली। इजरायल ने ईरान के परमाणु और सैन्य ठिकानों पर बड़े पैमाने पर हवाई हमले किए, जिससे मध्य पूर्व में तनाव चरम पर पहुंच गया। इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने इस कार्रवाई को ऑपरेशन राइजिंग लायन नाम दिया, जिसका उद्देश्य ईरान के परमाणु हथियार कार्यक्रम को रोकना बताया गया।
हमलों में ईरान के नतांज और फोर्डो जैसे प्रमुख परमाणु केंद्रों को निशाना बनाया गया, साथ ही मिसाइल निर्माण इकाइयों और सैन्य कमांडरों को भी नुकसान पहुंचाया गया। ईरानी सरकारी मीडिया के अनुसार, हमलों में चार परमाणु वैज्ञानिकों, रिवोल्यूशनरी गार्ड्स के कमांडर हुसैन सलामी और कई नागरिकों की मौत हुई। तेहरान में आवासीय क्षेत्रों में 78 लोगों की जान गई और 329 घायल हुए।
इजराइल की राजधानी तेल अवीव में ईरान की मिसाइल गिर रही है 👇 pic.twitter.com/LUouyLVi0f
— Ranvijay Singh (@ranvijaylive) June 13, 2025
सैकड़ों बैलिस्टिक मिसाइलों और ड्रोनों से हमला
जवाब में, ईरान ने ऑपरेशन ट्रू प्रॉमिस के तहत इजरायल पर सैकड़ों बैलिस्टिक मिसाइलों और ड्रोनों से हमला किया। तेल अवीव और यरुशलम में हवाई हमले की चेतावनी के साथ सायरन बजे और इजरायल की आयरन डोम प्रणाली ने कई मिसाइलों को रोका। ईरानी हमलों में तेल अवीव में 34 लोग घायल हुए। ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामनेई ने इज़रायल को कड़वी सजा की चेतावनी दी।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा कि इज़रायल ने यह कार्रवाई स्वतंत्र रूप से की, हालांकि अमेरिका ने ड्रोन अवरोधन में सहायता की। ट्रम्प ने ईरान को समझौते के लिए प्रेरित किया, लेकिन संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की आपात बैठक बुलाई गई, जिसमें ईरान ने इजरायल की कार्रवाई को युद्ध की घोषणा बताया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नेतन्याहू से बात कर शांति की अपील की
भारत ने इस संघर्ष पर गहरी चिंता जताई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नेतन्याहू से बात कर शांति की अपील की। क्षेत्रीय युद्ध की आशंका बढ़ने से ईरान ने अपना हवाई क्षेत्र बंद कर दिया, जिससे वैश्विक उड़ानें प्रभावित हुईं। अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी ने नतांज में रेडियोलॉजिकल प्रदूषण की पुष्टि की, जिससे वैश्विक चिंता और बढ़ गई।