कम नहीं हो रही केजरीवाल की मुश्किलें, अब विजिलेंस डिपार्टमेंट ने CM के निजी सचिव को हटाया; नियुक्ति को बताया अवैध

ED ने CM के निजी सचिव को पद से हटाया

नई दिल्ली। सतर्कता निदेशालय (डीओवी) ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के निजी सचिव बिभव कुमार की सेवाएं समाप्त कर दी हैं। विशेष सचिव सतर्कता वाईवीवीजे राजशेखर ने कुमार के खिलाफ लंबित 2007 के एक मामले का हवाला देते हुए बुधवार (10 अप्रैल) को एक आदेश पारित किया। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा दिल्ली आबकारी नीति मामले में कुमार से पूछताछ के कुछ दिनों बाद यह घटनाक्रम सामने आया है।

आदेश में कहा गया है, “सक्षम प्राधिकारी केंद्रीय सिविल सेवा (अस्थायी सेवा) नियम, 1965 के नियम 5 के प्रावधानों के अनुसार तत्काल प्रभाव से बिभव कुमार की नियुक्ति को समाप्त किया जाता है।”

शुरू से ही नियुक्ति अवैध और शून्य

सतर्कता विभाग ने अपने आदेश में कुमार की नियुक्ति को “शुरुआत से ही अवैध और शून्य” करार दिया। ईडी द्वारा सोमवार को कुमार से पूछताछ के बाद आए आदेश में कहा गया कि विभव कुमार की सेवाएं तत्काल प्रभाव से समाप्त कर दी गईं। विभाग ने कहा कि कुमार की नियुक्ति अस्थायी नियुक्ति से संबंधित केंद्रीय सिविल सेवा नियमों का उल्लंघन है।

आदेश में कहा गया, “श्री विभव कुमार की नियुक्ति के लिए निर्धारित प्रक्रिया और नियमों का ईमानदारी से पालन नहीं किया गया, इसलिए ऐसी नियुक्ति अवैध और शुरू से ही अमान्य है।”

डीजेबी रिश्वत मामले में हो रही जांच

इस हफ्ते की शुरुआत में, बिभव कुमार से आप विधायक दुर्गेश पाठक के साथ दिल्ली आबकारी नीति मामले में पूछताछ की गई थी। अरविंद केजरीवाल के करीबी सहयोगी कुमार 2011 के इंडिया अगेंस्ट करप्शन (आईएसी) आंदोलन के बाद से दिल्ली के सीएम के साथ जुड़े हुए हैं। दिल्ली जल बोर्ड (डीजेबी) रिश्वत मामले में ईडी बिभव कुमार पर नजर रख रही थी।

प्रवर्तन निदेशालय ने आरोप लगाया है कि दिल्ली जल बोर्ड के पूर्व मुख्य अभियंता जगदीश कुमार अरोड़ा ने विभाग और AAP में अपने सहयोगियों को चुनाव निधि के रूप में 2 करोड़ रुपये की “रिश्वत राशि” हस्तांतरित की थी।

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