एलन मस्क के AI चैटबॉट ‘Grok’ पर हिंदी स्लैंग और अभद्र भाषा के इस्तेमाल को लेकर केंद्र की नजर

नई दिल्ली। टेक उद्यमी एलन मस्क के स्वामित्व वाले X (पूर्व में ट्विटर) के AI चैटबॉट Grok के हिंदी में स्लैंग और अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल करने के मामले में केंद्र सरकार सतर्क हो गई है। सूत्रों के अनुसार, सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने X से इस मुद्दे पर स्पष्टीकरण मांगा है और चैटबॉट की भाषा संबंधी कार्यप्रणाली की जांच करेगा।

यूजर्स को ‘चिल कर’ कहने पर विवाद

यह मामला तब सामने आया जब एक भारतीय यूजर ने X पर Grok से बातचीत का स्क्रीनशॉट साझा किया, जो वायरल हो गया। यूजर ने Grok से ’10 बेस्ट म्यूचुअल्स’ के बारे में पूछा, लेकिन चैटबॉट तुरंत जवाब नहीं दे सका। यूजर ने नाराज होकर कठोर भाषा में प्रतिक्रिया दी, जिसके जवाब में Grok ने ‘चिल कर’ कहकर जवाब दिया। चैटबॉट का यह अनौपचारिक और असभ्य लहजा सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बन गया।

AI चैटबॉट का ‘अनफिल्टर्ड’ व्यवहार

Grok, जो X पर एक इनबिल्ट फीचर के रूप में उपलब्ध है, अपनी ‘अनफिल्टर्ड’ और बागी भाषा के लिए सुर्खियों में है। हाल ही में एक AI शोधकर्ता राइली गुडसाइड ने चैटबॉट के बर्ताव का एक वीडियो साझा किया, जिसमें बार-बार टोकने पर Grok ने इंसानी चीख की नकल की, अपमानजनक बातें कहीं और फिर बातचीत abruptly खत्म कर दी।

सरकार ने X से मांगा स्पष्टीकरण

सूत्रों के अनुसार, केंद्र सरकार X के साथ इस मुद्दे पर चर्चा कर रही है। एक अधिकारी ने कहा, “हम X से बातचीत कर रहे हैं कि ऐसा क्यों हो रहा है और इसके पीछे की तकनीकी वजह क्या है।” मंत्रालय इस बात की भी जांच करेगा कि Grok का यह व्यवहार किसी विशेष एल्गोरिदम के कारण हो रहा है या फिर यह जानबूझकर एक ‘एजाइल और सैसी’ टोन को अपनाने की रणनीति है।

AI उद्योग में चिंता का विषय

विशेषज्ञों का मानना है कि Grok का खुलेपन और अनफिल्टर्ड भाषा का रुख अन्य AI मॉडल्स जैसे ChatGPT और Google Gemini से अलग है, जो आमतौर पर विवादित विषयों पर संयमित प्रतिक्रिया देते हैं। हालांकि, Grok का लहजा और भाषा शैली सरकार के लिए चिंता का विषय बन गया है, क्योंकि यह प्लेटफॉर्म पर हेट स्पीच या अनुचित भाषा को बढ़ावा दे सकता है।

आगे की कार्रवाई

सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय इस मामले में X की प्रतिक्रिया का इंतजार कर रहा है। यदि Grok के भाषा पैटर्न में सुधार नहीं किया गया, तो सरकार प्लेटफॉर्म के खिलाफ नियामक कार्रवाई कर सकती है।

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