नई दिल्ली। संसद भवन में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को लेकर सर्वदलीय बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में सरकार ने विपक्षी नेताओं को पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) में आतंकी ठिकानों पर की गई सटीक सैन्य कार्रवाई की जानकारी दी। 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में भारत ने 7 मई को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ शुरू किया था। बैठक में कांग्रेस नेता राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे सहित 13 दलों के नेता शामिल हुए।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृह मंत्री अमित शाह और विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने विपक्ष को ऑपरेशन की जानकारी दी। सरकार ने बताया कि नौ आतंकी ठिकानों, जिनमें जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा के गढ़ शामिल थे, को निशाना बनाया गया। यह कार्रवाई सटीक, सुनियोजित और गैर-नागरिक थी, जिसमें पाकिस्तानी सैन्य ठिकानों को नुकसान नहीं पहुंचाया गया।
कांग्रेस और पूरा विपक्ष सेना के साथ: राहुल गांधी
राहुल गांधी ने कहा, “कांग्रेस और पूरा विपक्ष सेना के साथ है। हमारी सेनाओं पर गर्व है।” मल्लिकार्जुन खड़गे ने राष्ट्रीय एकता पर जोर देते हुए कहा कि कांग्रेस पहलगाम हमले के बाद से ही सरकार के साथ है।
बैठक में विपक्ष ने एकजुटता दिखाई, लेकिन कुछ नेताओं ने ऑपरेशन के प्रभाव पर सवाल उठाए। कांग्रेस सांसद राशिद अल्वी के बयान, जिसमें उन्होंने ऑपरेशन को न्यूनतम बताया, ने विवाद खड़ा किया। हालांकि, कांग्रेस नेतृत्व ने इसे खारिज कर सेना की प्रशंसा की।
पाकिस्तान की ओर से गोलीबारी में 15 नागरिकों की मौत
पाकिस्तान की ओर से कुपवाड़ा और पूंछ में गोलाबारी के कारण तनाव बढ़ गया है, जिसमें 15 नागरिकों की मौत और एक जवान शहीद हुए। सरकार ने सीमा पर सुरक्षा बढ़ा दी है, और उत्तराखंड में चारधाम यात्रा के लिए अतिरिक्त सुरक्षा व्यवस्था की गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कैबिनेट बैठक में ऑपरेशन को गर्व का क्षण बताया। विपक्ष ने उम्मीद जताई कि भविष्य में भी ऐसी बैठकों में सरकार पारदर्शिता बरतेगी। यह ऑपरेशन 2019 के बालाकोट हमले के बाद भारत का सबसे बड़ा सीमा पार हमला है।