नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले में मंगलवार को एक धार्मिक सभा में मची भगदड़ में 121 लोगों की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए। यह घटना नारायण साकार हरि, जो साकार विश्व हरि या भोले बाबा के नाम से भी जाने जाते हैं, द्वारा आयोजित सत्संग के दौरान घटी। भगदड़ की घटना के बाद से पुलिस भोले बाबा की तलाश कर रही है, जो घटना के बाद से ही फरार हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आज घटनास्थल का दौरा करेंगे। वहीं घटना को को लेकर जांच के आदेश दिए गए हैं।
आखिर कौन है भोले बाबा?
नारायण हरि उर्फ भोले बाबा का असली नाम सूरजपाल है। वह एटा जिले की पटियाली तहसील के बहादुर नगर गांव के रहने वाले हैं। वह इंटेलिजेंस ब्यूरो (आईबी) का पूर्व कर्मचारी होने का दावा करता है। कथित तौर पर धार्मिक उपदेश देने के लिए उसने 26 साल पहले अपनी सरकारी नौकरी छोड़ दी थी। आज, पश्चिमी उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, हरियाणा, राजस्थान और दिल्ली सहित पूरे भारत में उनके लाखों अनुयायी हैं। भोले बाबा सोशल मीडिया से दूर रहते हैं और किसी भी मंच पर उनका कोई आधिकारिक अकाउंट नहीं है। उनके अनुयायियों का दावा है कि उनका प्रभाव जमीनी स्तर पर काफी है।
यूपी के पूर्व डीजीपी ने विक्रम सिंह ने इंडिया टूडे को बताया सत्संग के दौरान जो इंतजाम होने चाहिए थे, वह पर्याप्त नहीं थे। एंबुलेंस तो छोड़ दीजिए, पलिस,अग्रिशमन और प्राथमिक चिकित्सा की कोई व्यवस्था नहीं थी। उन्होंने बताया कि भोले बाबा दावा करते हैं कि पहले वह खुफिया विभाग में थे, इसके बाद सिपाही बने और फिर वीआरएस लेकर फुल टाइम प्रवचन में आ गए। इसकी पुष्टि तो नहीं की जा सकती, लेकिन उन पर कई केस दर्ज हैं।
पूर्व डीजीपी ने बताया कि स्थानीय प्रशासन को यह सुनिश्चित करना चाहिए थे कि ये जो चमत्कारी बातें करते हैं, ये कानूनी दंडनीय अपराध भी है। मैजिक रेमेडीज एक्ट के अंतर्गत उसपर केस होना चाहिए। इस तरीके से पानी पिला के लोगों को भ्रम की स्थिति उत्पन्न करना कानूनन जुर्म है। सरकार पूरी तरह सो रही थी। उन्होंने कहा कि अरे काहे के बाबा। इनपर भी महिलाओं के साथ यौन शोषण के मुकदमे चल रहे हैं। कुल छह अपराध के केस दर्ज हैं। जिस पर इतने केस दर्ज हैं, वह खुद को चमत्कारिक कहता है।
नारायण हरि को सत्संग के समय हमेशा सफेद सूट और नीली टाई पहने देखा जा सकता है। वह अनुसूचित जाति समाज से आते हैं। इस वजह से वह प्रतीक के तौर पर इन विशेष रंगों को पहने दिखाई देते हैंछ उनकी पत्नी अक्सर उनके साथ सत्संग के दौरान मंच पर बैठी नजर आती है। उनकी पत्नी को माताश्री कहा जाता है। नारायण हरि उर्फ भोले बाबा की कोई संतान नहीं है। बहादुर नगर में आश्रम खोलने के बाद गरीब और वंचित वर्ग के लोगों में उसकी लोकप्रियता तेजी से बढ़ी। वह सुरक्षा के लिए वॉलिंटेयर्स को रखते हैं, जो उनके सत्संग की सुरक्षा का पूरा इंतजाम करते हैं।
अबतक क्या कार्रवाई हुई?
इस मामले में हाथरस पुलिस ने मुख्य सेवादार और अन्य के खिलाफ प्राथमिकी (FIR) दर्ज की है। उन्होंने बताया कि भारतीय न्याय संहिता की धारा 105 (गैर इरादतन हत्या), 110 (गैर इरादतन हत्या करने का प्रयास), 126 (2) (गलत तरीके से रोकना), 223 (लोक सेवक द्वारा जारी आदेश की अवज्ञा), 238 (साक्ष्यों को मिटाना) के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। वहीं यूपी के मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने बताया कि पूरी घटना का मुआयना किया जाएगा। दोषियों को छोड़ा नहीं जाएगा। भोले बाबा पर भी सख्त कार्रवाई होगी।