नई दिल्ली। दिवाली का पर्व भारतीय संस्कृति में बहुत महत्वपूर्ण स्थान रखता है और इसे सुख-समृद्धि, उजाला और खुशहाली का प्रतीक माना जाता है। इस दिन लक्ष्मी पूजन का विशेष महत्व होता है क्योंकि ऐसा माना जाता है कि देवी लक्ष्मी इस दिन घरों में आती हैं और उन्हें प्रसन्न करने के लिए पूजा-अर्चना की जाती है। दिवाली पर लक्ष्मी पूजन के लिए शुभ मुहूर्त, पूजन सामग्री और विधि का ध्यान रखना चाहिए, जिससे मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त हो सके।
लक्ष्मी पूजन का शुभ मुहूर्त
दिवाली पर पूजा का समय अत्यधिक महत्वपूर्ण होता है। शास्त्रों के अनुसार, अमावस्या की रात को देवी लक्ष्मी धरती पर भ्रमण करती हैं, इसलिए इस दिन शाम के समय लक्ष्मी पूजन करना अत्यंत शुभ माना गया है। पूजा का मुहूर्त प्रदोष काल के दौरान होता है, जो सूर्यास्त के बाद लगभग 1.5 घंटे का समय होता है। इसके अलावा, महालक्ष्मी पूजा का मुहूर्त भी विशेष रूप से चंद्रोदय के समय होता है। इस वर्ष के अनुसार लक्ष्मी पूजा के लिए समय को सही पंचांग या स्थानीय मुहूर्त से देख सकते हैं ताकि सही समय पर पूजा की जा सके। पंचांग के अनुसार, लक्ष्मी पूजा का शुभ मुहूर्त 31 अक्टूबर को शाम 5 बजकर 37 मिनट से 8 बजकर 45 मिनट तक रहेगा। यह समय देवी लक्ष्मी की पूजा और उनकी कृपा प्राप्त करने के लिए सबसे उपयुक्त माना गया है।
पूजन सामग्री
लक्ष्मी पूजन के लिए निम्नलिखित सामग्रियों की आवश्यकता होती है:
मूर्ति और चित्र: देवी लक्ष्मी और भगवान गणेश की प्रतिमा या चित्र।
दीपक और तेल/घी: रौशनी के लिए।
सिंदूर, कुमकुम, हल्दी और चावल: तिलक के लिए।
धूप और अगरबत्ती: सुगंध के लिए।
फूल और माला: विशेष रूप से कमल का फूल, क्योंकि यह लक्ष्मी मां को अर्पित किया जाता है।
सुपारी, पान के पत्ते, नारियल: पूजा की सजावट के लिए।
मिठाई, फल और मेवा: प्रसाद के लिए।
गंगाजल या शुद्ध जल: अभिषेक के लिए।
लक्ष्मी पूजन विधि
स्नान और स्वच्छता: सबसे पहले पूजा से पहले स्नान कर लें और साफ वस्त्र धारण करें। पूजा स्थल और घर को साफ करके वहां गंगाजल छिड़कें ताकि पवित्रता बनी रहे।
मूर्ति स्थापना: लक्ष्मी-गणेश जी की मूर्ति या चित्र को चौकी पर लाल या सफेद कपड़ा बिछाकर रखें। मूर्ति के सामने चौमुखी दीपक जलाएं।
कलश स्थापना: एक पात्र में जल भरकर उसमें सुपारी, फूल, पत्ते और सिक्के डालें और उस पर नारियल रखें। इसे कलश के रूप में मां लक्ष्मी के पास रखें।
गणेश पूजन: सबसे पहले भगवान गणेश का ध्यान और पूजन करें क्योंकि उन्हें विघ्नहर्ता माना जाता है। उनसे घर की समृद्धि और बाधाओं को दूर करने की प्रार्थना करें।
लक्ष्मी पूजन: अब लक्ष्मी मां का ध्यान करें। उनके चरणों में फूल, चावल और सिंदूर अर्पित करें। कमल का फूल विशेष रूप से चढ़ाएं क्योंकि यह मां लक्ष्मी को अत्यंत प्रिय है। इसके बाद मां लक्ष्मी को कुमकुम, चंदन, हल्दी, फल और मिठाइयों का भोग लगाएं।
कुबेर पूजन: कुबेर को धन के देवता माना गया है। उनके नाम का स्मरण कर उनके प्रति आभार व्यक्त करें और उनसे धन और वैभव की कामना करें।
आरती: लक्ष्मी माता और गणेश जी की आरती करें। दीपक, कपूर और घंटी बजाकर आरती पूरी करें। आरती के दौरान घर के सभी सदस्य उपस्थित हों, जिससे सकारात्मक ऊर्जा का संचार हो सके।
प्रसाद वितरण: पूजा के अंत में सभी में प्रसाद वितरण करें और दीपावली की खुशियां मनाएं।
पूजा के बाद ध्यान देने योग्य बातें
लक्ष्मी पूजन के बाद कुछ बातों का ध्यान रखें। इस दिन घर के मुख्य दरवाजे पर दीप जलाएं, जिससे मां लक्ष्मी का स्वागत हो। रात्रि में घर को अंधेरा न होने दें, क्योंकि यह शुभ नहीं माना जाता। दिवाली का पर्व केवल धन की प्राप्ति के लिए नहीं, बल्कि शांति, सकारात्मकता और खुशहाली के लिए मनाया जाता है।