नई दिल्ली। हैदराबाद विश्वविद्यालय के छात्र रोहित वेमुला के परिवार ने शुक्रवार को कहा कि वह 2016 के उनके आत्महत्या मामले में तेलंगाना पुलिस की क्लोजर रिपोर्ट को कानूनी रूप से चुनौती देंगे। उनके भाई राजा वेमुला ने दावा किया कि जिला कलेक्टर को परिवार की एससी स्थिति पर निर्णय लेना है, जिसके बाद पुलिस को कहना पड़ा कि वे आगे की जांच करेंगे।
रोहित वेमुला की मौत पर अपनी क्लोजर रिपोर्ट में तेलंगाना पुलिस ने दावा किया कि वह दलित नहीं था और 2016 में आत्महत्या करके मर गया क्योंकि उसे डर था कि उसकी असली जाति का पता चल जाएगा।
मामले में आगे की जांच की जाएगी
रोहित वेमुला के परिवार द्वारा व्यक्त किए गए संदेह का हवाला देते हुए तेलंगाना के पुलिस महानिदेशक रवि गुप्ता ने शुक्रवार देर रात एक बयान में कहा कि संबंधित अदालत में एक याचिका दायर की जाएगी, जिसमें मजिस्ट्रेट से आगे की जांच की अनुमति देने का अनुरोध किया जाएगा। राजा वेमुला ने समाचार चैनलों को बताया कि तेलंगाना उच्च न्यायालय ने निचली अदालत में ‘विरोध याचिका’ दायर करने का विकल्प दिया था।
तेलंगाना सीएम से मिलेंगे परिजन
उन्होंने कहा कि रोहित वेमुला अनुसूचित जाति (एससी) समुदाय से था या नहीं, इसकी जानकारी आंध्र प्रदेश के गुंटूर के जिला कलेक्टर को देनी चाहिए और पूछा कि पुलिस कैसे कह सकती है कि वह एससी नहीं था। राजा वेमुला ने यह भी कहा कि वे इस मामले पर तेलंगाना के मुख्यमंत्री ए रेवंत रेड्डी से मिलने की योजना बना रहे हैं।
21 मार्च को अंतिम क्लोजर रिपोर्ट दायर
इस बीच, पुलिस प्रमुख रवि गुप्ता ने कहा कि मामले में जांच अधिकारी माधापुर के सहायक पुलिस आयुक्त थे और की गई जांच के आधार पर अंतिम क्लोजर रिपोर्ट नवंबर से पहले तैयार की गई थी। उन्होंने बयान में कहा कि अंतिम क्लोजर रिपोर्ट आधिकारिक तौर पर 21 मार्च को जांच अधिकारी द्वारा न्यायिक अदालत में दायर की गई थी।
सभी आरोपियों को क्लीन चिट
पुलिस ने अपनी क्लोजर रिपोर्ट में सबूतों की कमी का हवाला देते हुए आरोपियों को क्लीन चिट भी दे दी। आरोपियों में विश्वविद्यालय के तत्कालीन कुलपति अप्पा राव पोडिले, पूर्व भाजपा सांसद बंडारू दत्तात्रेय, भाजपा के पूर्व एमएलसी एन रामचंदर राव और कुछ एबीवीपी नेता शामिल थे।