नई दिल्ली। भारत ने 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान के साथ सभी प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष आयात-निर्यात पर तत्काल प्रभाव से प्रतिबंध लगा दिया। इस हमले में 26 लोग, ज्यादातर पर्यटक, मारे गए थे। वाणिज्य मंत्रालय ने अधिसूचना जारी कर कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा और सार्वजनिक नीति के हित में यह निर्णय लिया गया है।
इसमें पाकिस्तान से उत्पन्न होने वाली या वहां से निर्यात की जाने वाली सभी वस्तुओं, चाहे वे मुक्त रूप से आयात करने योग्य हों या नहीं, पर प्रतिबंध शामिल है। तीसरे देशों के माध्यम से आने वाले पाकिस्तानी सामानों पर भी यह प्रतिबंध लागू होगा। किसी भी अपवाद के लिए सरकार की पूर्व अनुमति आवश्यक होगी।
हमले की जिम्मेदारी ‘द रेसिस्टेंस फ्रंट’ ने ली
पहलगाम के बैसरण घास के मैदान में हुए इस हमले की जिम्मेदारी लश्कर-ए-तैयबा से संबद्ध ‘द रेसिस्टेंस फ्रंट’ ने ली थी। हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कई कड़े कदम उठाए, जिनमें सिंधु जल संधि को निलंबित करना, वाघा-अटारी सीमा को बंद करना, पाकिस्तानी सैन्य सहायकों को निष्कासित करना और भारतीय हवाई क्षेत्र को पाकिस्तानी विमानों के लिए बंद करना शामिल है। भारत ने पाकिस्तान से आतंकवाद के खिलाफ ठोस कार्रवाई की मांग की है।
पाकिस्तान ने अपना हवाई क्षेत्र बंद किया
पाकिस्तान ने जवाब में भारतीय विमानों के लिए अपना हवाई क्षेत्र बंद कर दिया और द्विपक्षीय व्यापार निलंबित कर दिया। 2024 में भारत-पाकिस्तान व्यापार पहले ही घटकर 1.2 बिलियन डॉलर रह गया था, जो 2018 में 3 बिलियन डॉलर था। इस प्रतिबंध से पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था पर गहरा असर पड़ सकता है, जो पहले से ही कमजोर है।
विश्व बैंक ने पाकिस्तान की आर्थिक वृद्धि दर को 2.7% तक सीमित कर दिया है और चेतावनी दी है कि खाद्य असुरक्षा बढ़ सकती है। आवश्यक दवाओं, रसायनों और खाद्य पदार्थों की कमी से पाकिस्तानी नागरिकों को दिक्कतें हो सकती हैं।
भारत ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से समर्थन मांगा है और संयुक्त राष्ट्र सहित कई देशों ने हमले की निंदा की है। यह कदम भारत-पाकिस्तान संबंधों में तनाव को और बढ़ा सकता है, खासकर जब सीमा पर संघर्ष विराम उल्लंघन की घटनाएं बढ़ रही हैं।