अमेरिका में इसी साल राष्ट्रपति पद के चुनाव होने हैं और चुनाव में रिपब्लिकन पार्टी से उम्मीदवार भारतीय मूल के विवेक रामास्वामी ने अपनी दावेदारी छोड़ दी है। क्योंकि डोनाल्ड ट्रंप से आयोवा कॉकस हारने के बाद 38 वर्षीय एंटरप्रेन्योर विवेक रामास्वामी ने यह फैसला किया है। बायोटेक एंटरप्रेन्योर ने कहा कि वह आयोवा के लीडऑफ कॉकस में निराशाजनक समापन के बाद से रिपब्लिकन नामांकन के लिए अपना अभियान समाप्त कर रहे हैं।
विवेक रामास्वामी ने किया डोनाल्ड ट्रंप का समर्थन
विवेक रामास्वामी ने कहा कि मैं आज रात सच्चाई पर कायम रहूंगा, क्योंकि सच्चाई जो कि मेरे लिए काफी कठिन है, लेकिन मुझे स्वीकार करनी होगी। हमने इस बारे में हर तरह विचार किया है और मुझे लगता है कि यह सच है कि हम वह सरप्राइज नहीं कर पाए, जो हम आज रात देना चाहते थे। विवेक रामास्वामी ने अपने प्रतिद्वंद्वी और पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप का समर्थन करते हुए यह वादा किया कि अगर उन्हें गुंडागर्दी का दोषी ठहराया गया तो वहां भी उनका समर्थन करेंगे और डोनाल्ड ट्रंप ने सोमवार को आयोवा में 2024 के चुनाव से पहले ही रिपब्लिकन राष्ट्रपति पद के चुनाव में शानदार जीत हासिल की।
चर्चा में क्यों आए थे विवेक रामास्वामी
विवेक रामास्वामी ने कहा था कि अगर वह देश के राष्ट्रपति चुने जाते हैं, तो वहां अवैध प्रवासियों को उनके देश वापस भेज देंगे। उन्होंने दो टूक कहा था कि अमेरिका में जो भी गैर कानूनी रूप से रह रहा है, उन पर कोई नरमी नहीं बरती जाएगी। उन्हें उनके देश वापस भेजा जाएगा। हम इन अवैध प्रवासियों को बर्दाश्त नहीं करेंगे, और साथ ही उनके बच्चों की नागरिकता भी खत्म करेंगे।
क्या होता है आयोवा कॉकस
आयोवा कॉकस का आयोजन स्कूल टाउन हॉल जैसी सार्वजनिक जगहों पर किया जाता है, जिसमें उम्मीदवारों के चयन को लेकर रजिस्टर्ड पार्टी मेंबर्स जुटते हैं और समर्थन देना या देने पर चर्चा की जाती है। कॉकस में भाग लेने वाले लोग अपने डेलिगेट्स का चुनाव करते हैं और फिर यह डेलिगेट्स कन्वेंशन स्तर पर अपने उम्मीदवार के पक्ष में मतदान करते हैं।